नई दिल्ली। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने 28 वर्षीय अरबपति एलेक्जेंडर वांग को कंपनी के AI प्रोग्राम का प्रमुख नियुक्त किया है। इस हायरिंग के लिए मेटा ने वांग के स्टार्टअप Scale AI में लगभग 14 अरब डॉलर (करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किया है। वांग अब मेटा के महत्वाकांक्षी Superintelligence Labs को लीड करेंगे, जिसका लक्ष्य मानव जैसी बुद्धिमत्ता वाले AI सिस्टम विकसित करना है। यह कदम मेटा की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें कंपनी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई जैसी दिग्गजों से मुकाबला करने के लिए AI क्षेत्र में तेजी से प्रगति करना चाहती है।
एलेक्जेंडर वांग: 19 साल में स्टार्टअप, 20 में अरबपति
न्यू मैक्सिको के रहने वाले एलेक्जेंडर वांग ने मात्र 19 साल की उम्र में 2016 में Scale AI नामक स्टार्टअप की शुरुआत की। सिलिकॉन वैली के एक एक्सेलेरेटर प्रोग्राम में अपनी पार्टनर लूसी गुओ के साथ उन्होंने इसे लॉन्च किया और MIT कॉलेज छोड़ दिया। आज Scale AI दुनिया का प्रमुख डेटा लेबलिंग और AI ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका मूल्यांकन 14 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। यह कंपनी गिग वर्कर्स के माध्यम से Nvidia, Amazon और अब मेटा जैसी बड़ी टेक कंपनियों को ट्रेनिंग डेटा प्रदान करती है। वांग की यह सफलता उन्हें AI जगत का ‘गेम चेंजर’ बनाती है।
मेटा में AI संरचना का पुनर्गठन
मेटा से जुड़ने के बाद वांग ने कंपनी की AI टीम को चार ग्रुप्स—रिसर्च, प्रोडक्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑपरेशंस—में पुनर्गठित किया। उनके आंतरिक मेमो में लिखा है, “सुपरइंटेलिजेंस आ रही है। हमें इसे हासिल करने के लिए इन क्षेत्रों पर गहन कार्य करना होगा।” वांग का फोकस मेटा की दीर्घकालिक AI रणनीति को मजबूत बनाना है, ताकि कंपनी भविष्य के AI इकोसिस्टम में अग्रणी बने। न्यू मैक्सिको के चीफ आर्किटेक्ट और हेड ऑफ AI ऑपरेशंस के रूप में वे कंपनी के AI R&D को नई दिशा देंगे।
चीन से सिलिकॉन वैली तक का सफर
वांग का परिवार मूल रूप से चीन का है। उनके माता-पिता भौतिक विज्ञानी थे, और बचपन से ही वांग ने गणित व कोडिंग में रुचि दिखाई। सिलिकॉन वैली में बसने के बाद उन्होंने ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन और अमेरिकी सांसदों जैसे प्रभावशाली लोगों से मजबूत रिश्ते बनाए। AI की दुनिया में वांग को ‘मेटा का AI गेम चेंजर’ कहा जा रहा है, जो सुपरइंटेलिजेंस की दौड़ में कंपनी को आगे ले जाने वाले प्रमुख दिमागों में से एक हैं।