Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है, जो देवी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान, दान-पुण्य और मंत्र जाप से व्यक्ति के दस प्रकार के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा 2025 कब है?
इस वर्ष गंगा दशहरा को लेकर लोगों में भ्रम है कि यह 5 जून को मनाया जाएगा या 6 जून को।
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का आरंभ 4 जून 2025 को रात 11:54 बजे होगा और यह तिथि 6 जून को रात 2:15 बजे तक रहेगी।
उदया तिथि को मानते हुए, गंगा दशहरा का पर्व 5 जून 2025, बुधवार को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा 2025 का शुभ मुहूर्त
- दशमी तिथि आरंभ: 4 जून 2025, रात 11:54 बजे
- दशमी तिथि समापन: 6 जून 2025, रात 2:15 बजे
- पूजा का विशेष मुहूर्त: 5 जून 2025, दोपहर 02:32 बजे से शाम तक
हालाँकि गंगा स्नान और दान-पुण्य पूरे दिन किया जा सकता है, लेकिन शुभ मुहूर्त में पूजन अधिक फलदायी माना गया है।

गंगा दशहरा की पूजा विधि
गंगा दशहरा के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि गंगा नदी तक पहुँचना संभव न हो तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
इसके बाद पूजा स्थान को स्वच्छ करें और मां गंगा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पूजा में निम्न सामग्रियाँ अर्पित करें:
- पुष्प, अक्षत (चावल), धूप, दीप, नैवेद्य
- “ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” मंत्र का जाप करें
- गंगा दशहरा की व्रत कथा पढ़ें या सुनें
- अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें
दान का विशेष महत्व है — अन्न, वस्त्र, जल पात्र, तांबा, चांदी या धन का दान अपनी श्रद्धा अनुसार करें।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा वह दिव्य दिन है जब देवी गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं।
- यह दिन मोक्ष प्राप्ति, पाप नाश, और मानसिक-शारीरिक शुद्धि का प्रतीक है
- ‘दशहरा’ शब्द ‘दस’ और ‘हरा’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है दस पापों का नाश करने वाली
- गंगा जल को शास्त्रों में औषधीय, पवित्र और मोक्षदायिनी माना गया है
- इस दिन पितरों के लिए तर्पण करने से भी विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है
निष्कर्ष
गंगा दशहरा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि, आस्था और अध्यात्म का अद्वितीय संगम है। इस दिन गंगा माँ की उपासना कर व्यक्ति अपने जीवन के पापों से मुक्ति पा सकता है और दिव्यता के मार्ग की ओर अग्रसर हो सकता है।