रायपुर। देशभर में बोधगया स्थित ऐतिहासिक महाबोधि महाविहार की मुक्ति के लिए चल रहे महाविहार मुक्ति आंदोलन ने अब रायपुर में भी जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली है। आगामी 27 जुलाई 2025 को रायपुर में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक महारैली को लेकर आज पूरे शहर में अभूतपूर्व जोश, ऊर्जा और जनजागृति की लहर दौड़ गई।
रैली को सफल बनाने के लिए आज एक विशेष प्रचार रथ यात्रा निकाली गई, जिसने शहर के हर बड़े वार्ड, हर गली और मोहल्ले का दौरा कर हजारों लोगों तक आंदोलन का संदेश पहुंचाया। संजय गजघाटे के नेतृत्व में रतन डोंगरे और अनिल बोरकर की सक्रिय सहभागिता के साथ निकले इस रथ ने न सिर्फ महाबोधि महाविहार की ऐतिहासिक और धार्मिक गरिमा की जानकारी दी, बल्कि लोगों से इस आंदोलन को आत्मसम्मान की लड़ाई मानकर रैली में भारी संख्या में शामिल होने की भावुक अपील भी की।

यही नहीं, भारतीय बौद्ध महासभा जिला ईकाई रायपुर के सदस्यों ने आज शहर के प्रमुख बुद्ध विहारों में बैठकों का आयोजन कर रैली को अभूतपूर्व बनाने की रणनीति भी तैयार की। करूणा बुद्ध विहार बीरगांव, भनपुरी बौद्ध संघ, विजय नगर, रामेश्वर नगर और डब्ल्यू डब्ल्यू आर एस बौद्धों संघ पंचशील बुद्ध विहार में हुई बैठकों में जिला महासचिव विजय गजघाटे के नेतृत्व में विजय चौहान, हितेश गायकवाड़, राहुल वरके, महेश बोरकर और कमलेश रामटेके समेत अनेक कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए।

आयोजकों का कहना है कि यह सिर्फ रायपुर की नहीं, बल्कि पूरे देश के बौद्ध समाज की अस्मिता, अधिकार और असली पहचान की लड़ाई है – जिसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा। हर गली, हर घर, हर मोहल्ले तक आंदोलन का संदेश पहुंचाकर इस रैली को ऐतिहासिक बनाया जाएगा।

27 जुलाई को रायपुर की सड़कों पर एक इतिहास रचा जाएगा – एक स्वर, एक संकल्प: महाबोधि महाविहार को मुक्ति दिलाना!
रायपुर से उठी आवाज़ अब पूरे देश में गूंजेगी!