इंदौर में राजा रघुवंशी और सोनम के हनीमून हॉरर हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि समाज में लगातार बढ़ती ऐसी घटनाओं की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। सवाल यह उठता है कि आखिर महिलाएं अपना ही सिंदूर क्यों उजाड़ रही हैं? सावित्री-सत्यवान के देश में पति की हत्या के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
करवा चौथ, हरितालिका तीज जैसे व्रत रखने वाली महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं, लेकिन वही महिलाएं पति की हत्या क्यों कर रही हैं या करवा रही हैं? सोनम आरोपी है, कल मुस्कान थी और हो सकता है कल कोई नई आरोपी सामने आए। क्या मैकाले, मिशनरी, मोंटेसरी शिक्षा या नैतिक शिक्षा का अभाव इस पतन का कारण है? क्या घटिया सीरियल, वेब सीरीज, ड्रग्स और फिल्में इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं?
यह भी सवाल है कि गार्गी-मैत्रेयी जैसी महानतम माताओं और राजा भरत-विक्रमादित्य जैसे महापुरुषों को स्कूली पाठ्यक्रम में क्यों नहीं पढ़ाया जाता? गुलामी की शिक्षा ही क्या इस बर्बादी का कारण बन रही है? इसलिए जरूरी है कि सोनम और मुस्कान जैसी महिलाओं पर ही सारा दोष न डालकर उन परिस्थितियों पर भी गौर किया जाए, जो ऐसी घटनाओं को जन्म दे रही हैं।