नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक मुलाकात की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास पर जोर देते हुए कहा कि आज भारत “Women-Led Development” की अवधारणा को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, “आज कोर्ट से लेकर स्पेस तक, हमारी बेटियां देश का नाम रोशन कर रही हैं।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्री नारायण गुरु के विचारों को मानवता के लिए अमूल्य बताया और कहा कि “जो लोग देश और समाज की सेवा के संकल्प पर काम करते हैं, उनके लिए श्री नारायण गुरु प्रकाश स्तंभ की तरह हैं।” उन्होंने इस ऐतिहासिक बातचीत को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक समरसता की दिशा में मील का पत्थर बताया।
प्रधानमंत्री के प्रमुख वक्तव्य:
- महिला सशक्तिकरण पर जोर:
मोदी ने कहा कि आज भारत में वो क्षेत्र भी महिलाओं के लिए खुल गए हैं, जहां कभी प्रवेश तक वर्जित था। उनकी सरकार ने इन बंदिशों को हटाया है और बेटियों को समान अधिकार और अवसर दिए हैं। - नए भारत की कल्पना:
श्री नारायण गुरु ने एक ऐसे समाज की परिकल्पना की थी जो भेदभाव से मुक्त हो। मोदी ने कहा कि “आज भारत सैचुरेशन अप्रोच पर काम करते हुए भेदभाव की हर गुंजाइश को खत्म कर रहा है।” - वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका:
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘One Earth, One Health’, ‘One Sun, One World, One Grid’ जैसे वैश्विक आंदोलनों को लीड कर रहा है। जब भारत ने G20 की अध्यक्षता की, तब भी थीम थी– “One Earth, One Family, One Future”। - योग और संस्कृति का वैश्विक प्रभाव:
हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत आज दुनिया में शांति और स्वास्थ्य का संदेश दे रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब-जब देश संकट में होता है, तब-तब किसी कोने से कोई महान विभूति जन्म लेकर समाज को नई दिशा देती है। श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक मुलाकात आज भी सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरणास्रोत है।
निष्कर्ष:
PM मोदी का यह संबोधन भारत में महिलाओं की भागीदारी, सामाजिक न्याय और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में उठाए जा रहे ठोस कदमों को रेखांकित करता है। उनके अनुसार, यह सब श्री नारायण गुरु जैसे महान विचारकों की प्रेरणा से ही संभव हो सका है।