नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कच्चातिवु द्वीप, पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर), अक्साई चिन, और करतारपुर साहिब जैसे अहम मुद्दों का जिक्र करते हुए कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलों की तीखी आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “देश आज भी कांग्रेस की गलतियों की कीमत चुका रहा है।”
कांग्रेस की भूलों का हिसाब गिनाया
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब भी मैं नेहरू जी की चर्चा करता हूं, कांग्रेस का इकोसिस्टम तिलमिला उठता है। लेकिन यह सच्चाई है कि आजादी के बाद जो फैसले लिए गए, उनकी सजा देश आज तक भुगत रहा है।” उन्होंने कहा कि अगर तत्कालीन सरकारों में दूरदृष्टि होती, तो 1971 के युद्ध के समय पाकिस्तान के कब्जे से PoK को वापस लिया जा सकता था।
करतारपुर साहिब और पीओके पर सवाल
पीएम मोदी ने बताया कि 1971 की लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को बंदी बना लिया था, और हजारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। “उस समय अगर थोड़ी भी सोच होती, तो कम से कम करतारपुर साहिब और पीओके को भारत में मिला सकते थे,” उन्होंने कहा।
कच्चातिवु द्वीप: श्रीलंका को क्यों सौंपा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि “1974 में कांग्रेस सरकार ने श्रीलंका को यह द्वीप तोहफे में दे दिया, जिसके कारण आज भी हमारे मछुआरे परेशानी झेलते हैं और कई बार जान जोखिम में पड़ जाती है।”
अक्साई चिन को ‘बंजर’ क्यों कहा गया?
पीएम मोदी ने कहा कि “1962 में अक्साई चिन को कांग्रेस सरकार ने बंजर जमीन बताकर नजरअंदाज किया, जिसकी वजह से भारत को करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन खोनी पड़ी।” साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 1966 में रन ऑफ कच्छ विवाद में भी कांग्रेस ने मध्यस्थता स्वीकार करते हुए 800 वर्ग किमी क्षेत्र पाकिस्तान को सौंप दिया।
हाजीपीर पास जीतकर भी क्यों लौटाया?
प्रधानमंत्री ने 1965 की जंग का जिक्र करते हुए कहा कि “भारतीय सेना ने हाजीपीर पास को वापस जीत लिया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उसे पाकिस्तान को लौटा दिया। यह राष्ट्रहित के साथ समझौता था।”
कांग्रेस को करनी चाहिए आत्ममंथन: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि “भारत के हितों को गिरवी रखना कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस को अब अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिए और देश के प्रति अपनी जवाबदेही तय करनी चाहिए।”