भारत का राष्ट्रीय फूल कमल (Lotus) है। इसे वैज्ञानिक रूप से नेलुम्बो न्यूसीफेरा (Nelumbo nucifera) कहा जाता है। कमल को भारतीय संस्कृति और परंपराओं में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसकी विशेषताएं और महत्व निम्नलिखित हैं:
विशेषताएं:
- प्राकृतिक सौंदर्य: कमल एक जल में खिलने वाला फूल है जो साफ पानी और कीचड़ में उगता है।
- रंग: यह मुख्यतः गुलाबी और सफेद रंग में पाया जाता है।
- पत्तियां: इसकी पत्तियां बड़ी और गोल होती हैं, जो पानी पर तैरती रहती हैं।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व:
- पवित्रता का प्रतीक: कमल पवित्रता, सुंदरता और दिव्यता का प्रतीक है। यह कीचड़ में खिलने के बावजूद स्वच्छ और निर्मल रहता है।
- हिंदू धर्म में महत्व: कमल को देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के साथ जोड़ा जाता है। देवी लक्ष्मी को अक्सर कमल पर बैठे हुए दिखाया जाता है।
- बौद्ध धर्म में स्थान: बौद्ध धर्म में कमल ज्ञान और आत्मिक विकास का प्रतीक है।
राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में महत्व:
- संस्कृति का प्रतीक: कमल भारत की सांस्कृतिक धरोहर और मूल्यों का प्रतीक है।
- पवित्रता और दृढ़ता: यह विषम परिस्थितियों में भी अपने मूल गुणों को बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
रोचक तथ्य:
- कमल की पत्तियों पर पानी की बूंदें नहीं ठहरतीं, जिससे इसे “स्व-स्वच्छ” (self-cleaning) माना जाता है।
- यह एशिया के कई देशों में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
कमल को भारत की राष्ट्रीय पहचान और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है, जो देश की परंपराओं और धरोहरों को दर्शाता है।
कमल को भारत का राष्ट्रीय फूल 26 जनवरी 1950 को भारत के गणराज्य बनने के समय राष्ट्रीय प्रतीकों के रूप में घोषित किया गया था।
राष्ट्रीय प्रतीकों का चयन भारतीय संस्कृति, इतिहास, परंपराओं और प्रकृति में उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए किया गया। कमल को इसलिए चुना गया क्योंकि यह पवित्रता, सौंदर्य, और दृढ़ता का प्रतीक है और भारतीय धार्मिक ग्रंथों और कला में इसका गहरा महत्व है।
इसकी घोषणा भारतीय संविधान लागू होने के समय, अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों (जैसे राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय वृक्ष बरगद) के साथ की गई।