इंदौर। देश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (BCML) ने इंदौर में भारत का पहला औद्योगिक-स्तरीय बायोप्लास्टिक (पॉलीलैक्टिक एसिड – PLA) प्लांट स्थापित किया है। यह कदम न सिर्फ सिंगल-यूज प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।
हाल ही में इंदौर में आयोजित ‘बायो युग ऑन द व्हील्स’ कार्यक्रम में बलरामपुर चीनी मिल्स के बायोप्लास्टिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उद्योग जगत, शोधकर्ता, शिक्षाविद और छात्रों ने भी हिस्सा लिया।
इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने बताया कि गन्ने से प्राप्त चीनी को पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA) में बदला जाता है। इस PLA से कटलरी, कप, बोतलें, स्ट्रॉ, खिलौने, फ्लेक्स बैनर और पीपीई किट जैसी कई वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ये उत्पाद पूरा पर्यावरण-अनुकूल हैं और इस्तेमाल के बाद मिट्टी में दबाकर आसानी से नष्ट किए जा सकते हैं।
श्वेता सूर्यवंशी, प्रतिनिधि बलरामपुर चीनी मिल्स, के अनुसार यह प्लांट भारत के लिए पहला औद्योगिक बायो-पॉलिमर प्लांट है। इससे PLA के लिए अब महंगे आयातित कच्चे माल की आवश्यकता खत्म होगी, जिससे उत्पादन की लागत कम होगी और देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।