प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दुनियाभर में भारत के वैश्विक आउटरीच का हिस्सा रहे राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ मंगलवार को अपने आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में जहां प्रमुख विपक्षी और सत्तारूढ़ दलों के नेता शामिल हुए, वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की अनुपस्थिति ने चर्चा का विषय बना दिया।
ओवैसी ने बताई अनुपस्थिति की वजह
राजनयिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे ओवैसी ने बैठक में अपनी गैरहाजिरी को लेकर बाद में सफाई दी। उन्होंने कहा कि उन्हें एक करीबी रिश्तेदार और बचपन के दोस्त से जुड़ी एक चिकित्सकीय आपात स्थिति के चलते दुबई की एक आवश्यक यात्रा करनी पड़ी। ओवैसी ने प्रतिनिधिमंडल के नेता और भाजपा सांसद बैजयंत पांडा को अपने प्रस्थान से पहले इस बारे में सूचित कर दिया था।
बैठक में कई प्रमुख नेताओं की उपस्थिति
ओवैसी की अनुपस्थिति के बावजूद बैठक में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडी (यू) के संजय कुमार झा और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे सहित कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और सलमान खुर्शीद ने भी बैठक में भाग लेकर अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई।
पीएम मोदी ने किया प्रतिनिधियों के प्रयासों का सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख को मजबूती से रखने के लिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की प्रशंसा की। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने शांति और आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को मजबूती से प्रस्तुत किया।
पाकिस्तान पर कसे तंज
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने बैठक के दौरान पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान एक ऐसे बादशाह की तरह है जिसके पास खुद के कपड़े तक नहीं हैं। इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है।
सांसदों के विदेश दौरे पर चर्चा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत के सांसदों ने विदेश में कई देशों के नेताओं से मुलाकात की और वैश्विक मंचों पर आतंकवाद, शांति और विकास जैसे मुद्दों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। इस दौरान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया गया।