गुजरात के अहमदाबाद में Air India AI171 विमान हादसे के बाद देश एक बार फिर विमानन इतिहास की सबसे दर्दनाक त्रासदियों को याद कर रहा है। गुरुवार को लंदन जा रहा विमान उड़ान भरते ही बीजे मेडिकल कॉलेज की मेस और अतुल्यम हॉस्टल से टकरा गया, जिसमें 242 लोग मारे गए। हादसे में कई सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी प्रभावित हुए हैं।
बचाव अभियान में सेना तैनात
घटनास्थल पर राहत कार्य में मदद के लिए भारतीय सेना के 130 जवान लगाए गए हैं। सेना का अस्पताल भी स्टैंडबाय पर रखा गया है। पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने बताया कि हादसे की गंभीरता को देखते हुए किसी के बचने की उम्मीद बहुत कम थी।
पायलट ने दिया था “Mayday” सिग्नल
डीजीसीए की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, पायलटों ने उड़ान भरते ही “Mayday” कॉल दी थी, जिससे संकेत मिलता है कि विमान तकनीकी संकट का सामना कर रहा था।
विमान में कौन-कौन थे?
एयर इंडिया के मुताबिक विमान में:
- 169 भारतीय नागरिक
- 53 ब्रिटिश नागरिक
- 7 पुर्तगाली
- 1 कनाडाई नागरिक सवार थे।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने सभी जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
भारत में हुए अन्य बड़े विमान हादसे:
1. एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 1344 (2020)
कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान हादसा।
➡️ 21 लोगों की मौत, विमान दो टुकड़ों में टूटा।
2. एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812 (2010)
मैंगलोर में रनवे से फिसलकर घाटी में गिरा।
➡️ 158 लोग मारे गए।
3. एलायंस एयर फ्लाइट 7412 (2000)
पटना में रिहायशी इलाके में गिरा।
➡️ 60 लोगों की मौत।
4. चरखी दादरी मिड-एयर कोलिजन (1996)
दिल्ली के पास दो विमानों की टक्कर।
➡️ 349 लोगों की मौत — भारत का सबसे बड़ा हवाई हादसा।
5. इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 605 (1990)
बैंगलोर में रनवे से पहले क्रैश।
➡️ 92 यात्रियों की जान गई।
6. इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113 (1988)
अहमदाबाद में रनवे से पहले पेड़ों और तारों से टकराया।
➡️ 133 मौतें।
7. एयर इंडिया फ्लाइट 855 (1978)
मुंबई से उड़ते ही अरब सागर में गिरा।
➡️ 213 यात्रियों की मौत।
8. इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 440 (1973)
दिल्ली में खराब मौसम के चलते टकराया।
➡️ 48 मौतें, मृतकों में नेता मोहन कुमारमंगलम भी शामिल।
यह हादसे न केवल तकनीकी चूक, बल्कि कई बार मानव भूल और खराब मौसम का नतीजा रहे हैं। अहमदाबाद हादसे ने एक बार फिर देश को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हवाई सुरक्षा को लेकर और क्या-क्या कदम उठाने की जरूरत है।