नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 6 अक्टूबर 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का शेड्यूल जारी किया। 243 सीटों पर होने वाले इस चुनाव को दो चरणों—6 और 11 नवंबर—में संपन्न किया जाएगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। इसके साथ ही, ECI ने 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की कुल 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा की। ये उपचुनाव 11 नवंबर को होंगे, और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
बिहार चुनाव: NDA vs महागठबंधन की सीधी टक्कर
बिहार चुनाव को “मदर ऑफ ऑल इलेक्शंस” कहा जा रहा है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। NDA (बीजेपी-जेडीयू) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम दलों) के बीच कड़ा मुकाबला होगा। जनसंख्या विस्फोट के कारण 8.5 लाख अधिकारियों की तैनाती की गई है। ECI ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू कर दिया है।
7 राज्यों में 8 उपचुनाव: सत्ता संतुलन पर असर
ECI ने 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की। ये सीटें सांसदों/विधायकों के निधन या इस्तीफे से रिक्त हुईं। राजनीतिक दलों के बीच इन पर जोरदार टक्कर की उम्मीद है:
| राज्य/केंद्रशासित प्रदेश | सीट | कारण |
|---|---|---|
| जम्मू-कश्मीर | बडगाम | उमर अब्दुल्ला का इस्तीफा |
| जम्मू-कश्मीर | नगरोटा | देवेंद्र सिंह राणा का निधन |
| राजस्थान | अंता | कंवरलाल का अयोग्य घोषित होना |
| झारखंड | घाटशिला | रामदास सोरेन का निधन |
| तेलंगाना | जुबली हिल्स | मगंती गोपीनाथ का निधन |
| पंजाब | तरनतरण | डॉ. कश्मीर सिंह सोहल का निधन |
| मिजोरम | डांपा | ललरिंटलुआंगा सैलो का निधन |
| ओडिशा | नुआपाड़ा | राजेंद्र ढोलाकिया का निधन |
उपचुनावों का राजनीतिक महत्व
ये उपचुनाव सत्ता संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में बडगाम (NC vs PDP) और नगरोटा (बीजेपी vs NC) में त्रिकोणीय लड़ाई संभव है। राजस्थान की अंता सीट कांग्रेस-बीजेपी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बनेगी। झारखंड की घाटशिला (झामुमो vs बीजेपी) और तेलंगाना की जुबली हिल्स (BRS vs कांग्रेस) में भी कड़ा मुकाबला होगा। पंजाब की तरनतरण (AAP vs कांग्रेस) और मिजोरम की डांपा (एमएनएफ vs स्थानीय दल) में स्थानीय मुद्दे हावी रहेंगे। ओडिशा की नुआपाड़ा (बीजेडी vs बीजेपी) पर भी नजरें टिकी हैं।

ECI की तैयारी: शांति और निष्पक्षता
ECI ने सभी राज्यों से शांति, निष्पक्षता और आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने को कहा। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। आयोग ने मतदाता सूची में नाम चेक करने और नाम न होने पर BLO से संपर्क करने की अपील की।
बिहार चुनाव का महत्व
बिहार चुनाव NDA (बीजेपी-जेडीयू) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) के बीच सीधी टक्कर है। जनसंख्या विस्फोट के कारण 75 लाख प्रवासी मतदाताओं का मुद्दा भी उठा है। AIMIM और जन सुराज पार्टी ने भी सभी सीटों पर दावा किया है।
ये चुनाव बिहार में सत्ता परिवर्तन की दिशा तय करेंगे। ECI ने कहा, “लोकतंत्र की मजबूती के लिए ये उपचुनाव जरूरी हैं।”
