अयोध्या। प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या आज दीपों की समुद्र जैसी रौशनी में नहा उठी। 9वें दीपोत्सव के अवसर पर इस वर्ष अयोध्या ने एक नहीं बल्कि दो विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए। पहला- राम की पैड़ी पर एक साथ 26 लाख 17 हजार 215 दीप जलाकर, और दूसरा- 2128 अर्चकों एवं वेदाचार्यों द्वारा सरयू तट पर एक साथ महाआरती संपन्न कर।
दीपोत्सव के दौरान पूरा शहर दुल्हन की तरह सजाया गया। राम की पैड़ी से लेकर सरयू तट तक 56 घाटों पर दीपों की कतारें बिछीं, जो अद्भुत दृश्य पेश कर रही थीं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स टीम ने मौके पर मौजूद रहकर ड्रोन से दीपों की गिनती कर नए रिकॉर्ड को दर्ज किया। इससे पहले वर्ष 2024 में 25,12,585 दीप जलाए गए थे, जिसे इस बार 26 लाख से अधिक दीपों के साथ तोड़ दिया गया।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह और प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रमाण पत्र भेंट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा “अयोध्या अब विश्व मंच पर भारत की संस्कृति, श्रद्धा और एकता का प्रतीक बन चुकी है।”

फूलों से सजा रामलला मंदिर, लेजर शो से नहाई राम की पैड़ी
शाम होते ही अयोध्या का हर कोना दीपों की रौशनी से जगमगा उठा। रामलला का मंदिर फूलों से सजाया गया, वहीं राम की पैड़ी पर हुआ लेजर लाइट शो श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण रहा। देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु इस भव्य आयोजन के साक्षी बने।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं रामकथा पार्क में श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के स्वरूपों की अगवानी की और श्रीराम का राजतिलक किया। मंच पर जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रामलला के दरबार में दीप प्रज्ज्वलित कर सरयू की महाआरती में भी भाग लिया।
33 हजार वॉलिंटियर्स ने रचा इतिहास
दीपोत्सव की तैयारी महीनों पहले से चल रही थी। अवध विश्वविद्यालय और विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के 33,000 वॉलिंटियर्स ने दीपों को सजाने, तेल और बाती डालने से लेकर प्रज्ज्वलन तक का कार्य संभाला। इस सामूहिक प्रयास ने दीपोत्सव को विश्व रिकॉर्ड की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

त्रेता युग का आभास देती राम नगरी
अयोध्या का हर चौक-चौराहा, हर मंदिर और हर गली दीपों से जगमगा रही थी। मानो त्रेता युग का पुनर्जन्म हो गया हो। जिस तरह भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, उसी भक्ति और उल्लास का नजारा आज पुनः देखने को मिला।
देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु बोले — जय श्रीराम!
दीपोत्सव की भव्यता देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे। सरयू तट पर दीपों की सुनहरी लहरें और मंदिरों की सजावट ने अयोध्या को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बना दिया।

आज अयोध्या सचमुच में “दीपों की नगरी” बन गई जहाँ हर दीप, हर ज्योति, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की महिमा का प्रतीक बनकर जल रही थी।