भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक पैनल का उपाध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर कड़ा एतराज जताया। देहरादून में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादियों को पनाह देने का लंबा इतिहास रहा है, ऐसे में उसे वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ नेतृत्व सौंपना ‘बिल्ली से दूध की रखवाली कराने’ जैसा है।
‘आतंकवादियों का संरक्षक पाकिस्तान’
रक्षा मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान की धरती पर हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं। पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में भी शामिल होते हैं। अब उसी देश को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देना समझ से परे है।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दी है, उन्हें अपनी धरती पर प्रशिक्षण दिया है और उनकी मदद की है। पहलगाम का हमला तो सिर्फ एक उदाहरण है, पाकिस्तान द्वारा पाले गए आतंकवादियों की सूची बहुत लंबी है।”
9/11 के हमलों का जिक्र
राजनाथ सिंह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आतंकवाद निरोधक पैनल 9/11 हमलों के बाद गठित हुआ था। “आश्चर्य की बात यह है कि 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान ने ही पनाह दी थी। आज उसी देश को आतंकवाद निरोधक समिति का उपाध्यक्ष बना दिया गया है। यह फैसला वाकई ‘दूध की रखवाली के लिए बिल्ली’ जैसी स्थिति पैदा करता है।”
‘पाकिस्तान को मदद देना आतंकवाद को मदद देना’
रक्षा मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है और उसकी विदेशी सहायता का बड़ा हिस्सा इसी आतंकवाद के वित्तपोषण में इस्तेमाल होता है। पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी है। इसे किसी भी हाल में पोषित नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने अन्य देशों से पाकिस्तान को मदद देना बंद करने की अपील भी की।
पाकिस्तान को UNSC में अहम जिम्मेदारी
बता दें कि पाकिस्तान को 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता और 1373 आतंकवाद निरोधक समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
राजनाथ सिंह के बयान के बाद पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस फैसले की आलोचना होने की उम्मीद जताई जा रही है।