स्टॉकहोम। नोबेल पुरस्कार समिति ने 2025 के अर्थशास्त्र (अल्फ्रेड नोबेल मेमोरियल प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज) के विजेताओं का ऐलान कर दिया है। इस वर्ष यह प्रतिष्ठित सम्मान अमेरिकी अर्थशास्त्रियों जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है। समिति ने इनकी इनोवेशन-ड्रिवन इकोनॉमिक ग्रोथ (नवाचार से प्रेरित आर्थिक विकास) की अवधारणा पर किए गए शोध की सराहना की है, जो आर्थिक प्रगति के मूल तत्वों को समझने में क्रांतिकारी योगदान देता है।
इनोवेशन और आर्थिक विकास का नया मॉडल
नोबेल समिति के अनुसार, मोकिर, अघियन और हॉविट का कार्य आर्थिक विकास को नया आयाम देता है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे नवाचार और तकनीकी प्रगति आर्थिक वृद्धि के प्रमुख चालक हैं। जोएल मोकिर (MIT), फिलिप अघियन (स्टैनफोर्ड) और पीटर हॉविट (हार्वर्ड) ने बाजार संरचना, प्रतिस्पर्धा और नीतिगत उपायों के माध्यम से इनोवेशन को बढ़ावा देने के मॉडल विकसित किए। उनका शोध बताता है कि आर्थिक नीतियां कैसे इनोवेशन को प्रोत्साहित कर सकती हैं, जिससे दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित होता है।
समिति ने कहा, “यह कार्य आर्थिक सिद्धांतों को व्यावहारिक नीतियों से जोड़ता है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगा।” पुरस्कार की राशि 11 मिलियन स्वीडिश क्रोन (करीब 8.5 करोड़ रुपये) तीनों विजेताओं में बराबर बांटी जाएगी।
पिछले वर्ष का विजेता
उल्लेखनीय है कि 2024 में यह पुरस्कार डेरॉन ऐसमोग्लू (MIT), साइमन जॉनसन (MIT) और जेम्स ए. रॉबिन्सन (शिकागो विश्वविद्यालय) को संस्थागत सुधारों के माध्यम से समृद्धि के कारणों पर शोध के लिए दिया गया था।

विजेताओं का सफर
- जोएल मोकिर: MIT के प्रोफेसर, जिन्होंने बाजारों में प्रतिस्पर्धा और इनोवेशन के बीच संबंध पर गहन अध्ययन किया।
- फिलिप अघियन: स्टैनफोर्ड के अर्थशास्त्री, जिनका कार्य कॉर्पोरेट संरचना और आर्थिक विकास पर केंद्रित है।
- पीटर हॉविट: हार्वर्ड के विशेषज्ञ, जो आर्थिक नीतियों के इनोवेशन प्रभाव पर काम करते हैं।
यह पुरस्कार आर्थिक विज्ञान को नई दिशा देगा, खासकर विकासशील देशों के लिए। समिति का यह फैसला वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के समाधान में इनोवेशन की भूमिका को रेखांकित करता है।