इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर संकट गहराता दिख रहा है। उनकी प्रमुख सहयोगी शास पार्टी ने विवादास्पद मसौदा कानून पर असहमति जताते हुए गठबंधन से अलग होने का ऐलान किया है। इससे पहले एक अन्य अति-रूढ़िवादी गुट ने भी इसी मुद्दे पर समर्थन वापस ले लिया था, जिससे पहले से ही कमजोर सरकार और भी अस्थिर हो गई है।
गठबंधन से अलग होने के बावजूद शास पार्टी ने संकेत दिया है कि वह सरकार को पूरी तरह से गिराने के पक्ष में नहीं है और कुछ कानूनों पर समर्थन दे सकती है।
मसौदा कानून बना विवाद का कारण
मसौदा कानून पर जारी गतिरोध को सुलझाना नेतन्याहू के लिए चुनौती बन गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस पर किसी समझौते की संभावना बेहद कम है। यहूदी जन नीति संस्थान के उपाध्यक्ष शुकी फ्रीडमैन ने कहा कि नेतन्याहू को तत्काल सत्ता गंवाने का खतरा नहीं है, क्योंकि संसद को भंग करने और नए चुनाव कराने की प्रक्रिया फिलहाल विपक्ष नहीं चला सकता।
युद्धविराम वार्ता पर भी असर
यह राजनीतिक संकट ऐसे समय में आया है जब इज़राइल और हमास के बीच अमेरिका समर्थित युद्धविराम वार्ता चल रही है। नेतन्याहू अब अपने दक्षिणपंथी सहयोगियों के दबाव में हैं, जो गाजा युद्ध को खत्म करने के पक्ष में नहीं हैं।
नेतन्याहू को मिला समय
संसद का ग्रीष्मकालीन अवकाश जल्द ही शुरू हो रहा है, जो अक्टूबर तक चलेगा। जानकारों का मानना है कि इस दौरान नेतन्याहू को अपने बचे हुए सहयोगियों को मनाने और गठबंधन को दोबारा जोड़ने का अवसर मिल सकता है। फिलहाल उनकी सरकार अल्पमत में है, लेकिन पूरी तरह से गिरने से पहले उसे कई प्रक्रियागत चुनौतियों का सामना करना होगा।