शराब दुकान हटाने की मांग पर गरियाबंद में तेज हुआ विरोध, वार्डवासियों ने दी धरने की चेतावनी
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में जनता की समस्याओं के समाधान के लिए चलाए जा रहे सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर में गरियाबंद जिले के ग्राम सोनामुंदी में अंग्रेजी और देशी शराब दुकान को हटाने की जोरदार मांग उठी। वार्ड पार्षद विनोद पांडे ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर दुकान नहीं हटाई गई, तो वे वार्डवासियों के साथ धरना देंगे।
वार्ड पार्षद ने जानकारी दी कि वे अब तक पांच बार से अधिक आवेदन दे चुके हैं, लेकिन आबकारी विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश है। यह मुद्दा केवल पार्षद तक सीमित नहीं है—स्थानीय महिला समूह, शिशु मंदिर संस्थान और पालकगण भी लंबे समय से इस दुकान के स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं।
शराब दुकान से उपज रही समस्याएं
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, दुकान के कारण इलाके में भीड़भाड़, गंदगी और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो रहा है। शराब पीने वाले शिशु मंदिर परिसर और आसपास की निजी संपत्तियों में बैठते हैं, जिससे कई बार अवांछित घटनाएं हो चुकी हैं। इसके चलते वहां स्थित महिला समूह की कार्यशाला भी बंद हो चुकी है। महिलाओं और बच्चों को सुबह-शाम सड़क पर आवागमन में भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
प्रभारी मंत्री और जनप्रतिनिधियों को सौंपे जा चुके हैं ज्ञापन
इस मुद्दे को लेकर कदली मूड़ा में आए प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल को भी ज्ञापन सौंपा गया था। इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता गोवर्धन मांझी और जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप ने भी शासन को पत्र लिखकर शिशु मंदिर के संचालन पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को रेखांकित किया था।
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
समाधान शिविर में ज्ञापन प्राप्त होने के बाद कलेक्टर भगवान उइके ने वार्ड पार्षद और नागरिकों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही दुकान हटाने पर कार्रवाई की जाएगी। अब देखना होगा कि प्रशासन जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाता है या नहीं।
यह मामला अब केवल एक दुकान का नहीं, बल्कि सुशासन की परख का बन गया है।