रायपुर, 30 मई 2025।
राजधानी रायपुर की पचपेड़ी नाका निवासी निर्माण श्रमिक अनुराधा को मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत बच्चे के जन्म के 90 दिनों के भीतर श्रम विभाग से 20 हजार रुपये की मातृत्व सहायता राशि प्राप्त हुई। अनुराधा ने बताया कि यह राशि उसके खाते में सीधे जमा की गई, जिससे उसे और उसके शिशु के लिए पौष्टिक आहार, आवश्यक दवाइयों और देखभाल में मदद मिली।
अनुराधा ने बताया कि शादी के बाद वह और उसका पति किराए के कमरे में रहने लगे थे और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उसने निर्माण कार्य में नौकरी कर अपने परिवार को संभाला। कुछ समय बाद उसके पहले बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन पति की बुरी आदतों के चलते घर की आय प्रभावित होने लगी। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी अकेले अनुराधा पर आ गई।
अपनी दूसरी गर्भावस्था के दौरान भी उसने आठ महीने तक काम किया। इसी बीच उसे मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत दी जाने वाली मातृत्व सहायता की जानकारी मिली। इसके बाद बच्चे के जन्म के 90 दिनों के भीतर उसे 20 हजार रुपये की सहायता राशि उसके खाते में प्राप्त हुई।
अनुराधा ने बताया कि इस सहायता से उसने अपनी मां के घर जाकर सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसवोत्तर देखभाल प्राप्त की। अनुराधा जैसी असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए यह योजना एक बड़ी राहत साबित हो रही है।
मिनीमाता महतारी जतन योजना का उद्देश्य निर्माण श्रमिकों समेत अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे और उनके शिशु स्वस्थ रह सकें। यह महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है।
राज्य में सीएम हेल्पलाइन और श्रम संसाधन केंद्रों की स्थापना इस दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे जरूरतमंद महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके। इसके माध्यम से राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर जरूरतमंद महिला सुरक्षित और सम्मानजनक मातृत्व अनुभव कर सके।