छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब जिले का कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है। राज्य शासन के निर्देश पर चलाए गए युक्तियुक्तकरण अभियान के तहत सभी प्राथमिक, मिडिल और हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। इससे दूरदराज के गांवों में शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है और बच्चों में पढ़ाई को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है।
धमतरी जिले के 170 एकल शिक्षक स्कूलों में से 133 स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके साथ ही पहले शिक्षकविहीन रहे 3 प्राथमिक और 4 मिडिल स्कूलों को भी अब शिक्षक मिल गए हैं। यही नहीं, जिले के 111 हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में गणित और विज्ञान जैसे विषयों के लिए भी योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
कलेक्टर श्री अभिनाश मिश्रा ने जानकारी दी कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बाद सभी शिक्षकों ने अपने-अपने आवंटित विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस कदम से दक्षिण मगरलोड, नगरी विकासखंड और डूबान क्षेत्र जैसे सुदूर अंचलों में शिक्षकों की कमी को दूर कर दिया गया है। इससे बच्चों की पढ़ाई में आ रही समस्याओं का समाधान हुआ है और शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार होगा।
मैदानी क्षेत्रों में अधिक, ग्रामीणों में कम शिक्षक – इस असंतुलन को समाप्त करने के उद्देश्य से युक्तियुक्तकरण किया गया। पहले जहां कुछ विद्यालयों में छात्रों की संख्या की तुलना में अधिक शिक्षक कार्यरत थे, वहीं कई स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं थे। इस असमानता को दूर कर अब हर छात्र को समुचित शिक्षा का अवसर मिल रहा है।
अटंग गांव के स्कूल में नियुक्त हुए तीन नए शिक्षक
धमतरी जिले के कुरुद विकासखंड अंतर्गत ग्राम अटंग स्थित शासकीय नवीन प्राथमिक शाला प्रेमनगर में अब कुल 5 शिक्षक कार्यरत हो गए हैं। पहले 121 छात्रों पर केवल दो शिक्षक थे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। अब श्रीमती पार्वती बघेल, श्रीमती दूज कुर्रे और श्रीमती लक्ष्मी मुदलियार की नियुक्ति से विद्यालय में अध्यापन व्यवस्था सुदृढ़ हो गई है। शाला प्रबंधन समिति और पालकों ने शासन की इस पहल पर खुशी जताई है।
युक्तियुक्तकरण से जिले को मिले लाभ
- 133 एकल शिक्षक स्कूलों को अतिरिक्त शिक्षक
- 7 पूर्ण शिक्षकविहीन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति
- 111 स्कूलों को गणित-विज्ञान विषय के शिक्षक
- सभी शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में कार्यरत
- सुदूर वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा को नई ऊर्जा
धमतरी जिले में यह परिवर्तन न केवल शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि इससे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव और मजबूत हुई है। शासन की यह पहल शिक्षा को हर गांव और हर बच्चे तक पहुँचाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।