रायपुर
छत्तीसगढ़ में मानसून ने अब पूरी रफ्तार पकड़ ली है। धीमी शुरुआत के बाद अब प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों के लिए अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है। चक्रवात और द्रोणिका के संयुक्त प्रभाव से बारिश की तीव्रता और बढ़ने की संभावना जताई गई है।
प्रदेशभर में मौसम ने बदला रुख
उत्तर छत्तीसगढ़ (सरगुजा संभाग) और दक्षिण छत्तीसगढ़ (बस्तर संभाग) में लगातार भारी बारिश हो रही है। वहीं, मध्य छत्तीसगढ़ के जिलों में जहां पहले खंडवर्षा हो रही थी, अब वहां भी मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। महासमुंद जिले में 24 जून को 18 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जिससे जिले का औसत वर्षा आंकड़ा 61 मिमी तक पहुंच गया है।

चक्रवात और द्रोणिका का संयुक्त प्रभाव
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एक चक्रवाती घेरा और एक द्रोणिका रेखा के एक साथ सक्रिय होने से राज्य में वर्षा का शक्तिशाली सिस्टम बना है। इसके प्रभाव से 26 जून से पूरे प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में और तेजी आने की संभावना है। सरायपाली (22 मिमी), बागबाहरा (25.2 मिमी) और पिथौरा (22 मिमी) जैसे इलाकों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई है।
किसानों के चेहरों पर लौटी रौनक
मानसून की सक्रियता ने किसानों को राहत दी है। खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारियों में तेजी आई है। बारिश को खेती के लिए फायदेमंद माना जा रहा है। मंगलवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में रिमझिम बारिश के बाद धूप निकली और फिर बादल छा गए।
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
- गहरी जुताई करें: खरीफ फसलों की बुवाई से पहले मिट्टी पलटने वाले हल का उपयोग करें।
- खरपतवार नियंत्रण: खरपतवार नाशकों का छिड़काव साफ मौसम में करें ताकि दवा प्रभावी हो।
तापमान और सतर्कता
मौसम विभाग ने 28 जून तक यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। नागरिकों को जलभराव और खराब मौसम की स्थिति में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष:
मानसून की सक्रियता से जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं खेती-किसानी को भी नई ऊर्जा मिली है। अगले कुछ दिन बारिश भरे रहने वाले हैं, ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी है।