रायपुर। खारुन नदी को प्रदूषण मुक्त करने, औद्योगिक इकाइयों द्वारा अत्यधिक जल दोहन और शासन द्वारा नई औद्योगिक इकाइयों को खारुन नदी से जल उपयोग की अनुमति देने के विरोध में आरंभ हुई “खारुन दाई आज़ादी पदयात्रा” आज तीसरे दिन सांकरा पहुंची। यह यात्रा 1 जून को सोमनाथ लखना से आरंभ हुई थी।
सांकरा पहुंचने से पूर्व, महेन्द्रा चौक सिलतरा में छत्तीसगढ़ ड्राइवर संघ द्वारा पदयात्रियों का स्वागत किया गया और पुलाव वितरण कर आतिथ्य किया गया। सांकरा में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा की आरती कर, जोड़ा जैतखाम में नारियल अर्पित कर पूजा-अर्चना की गई।
ग्राम सांकरा के सरपंच रघुनाथ साहू, पंचगणों और ग्रामीणों ने गर्मजोशी से यात्रियों का स्वागत किया। महतारी अंगना बाजार चौक और गुरु घासीदास बाबा जैतखाम में आरती और पूजन पश्चात नुक्कड़ सभा आयोजित की गई, जिसमें यात्रा के उद्देश्यों की विस्तार से जानकारी दी गई।
सभा को संबोधित करते हुए जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष अमित बघेल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि—
“छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में आम जन, जल, जंगल और जमीन के अधिकारों को गिरवी रख चुकी है। हसदेव अरण्य को अडानी को सौंपने के बाद अब सरकार की नजर नदियों पर है।”
सभा के उपरांत ग्राम सुंगेरा के ग्रामीणों द्वारा एकत्र दूध का वितरण किया गया।
इसके पश्चात यात्रा मुरेठी होते हुए ग्राम सोन्डरा पहुंची, जहाँ घनाराम साहू एवं साथियों ने स्वागत कर बाजार चौक में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया। ग्रामीणों ने यात्रा के उद्देश्यों का समर्थन करते हुए कहा कि—
“सरकार की उपेक्षा के चलते आम जनता को भीषण गर्मी में पैदल यात्रा करनी पड़ रही है।”
भोजन उपरांत यात्रा ग्राम बाना के लिए प्रस्थान कर गई, जहाँ रात्रि विश्राम निर्धारित है।