रायपुर। सावन-भादो के पावन महीनों में छत्तीसगढ़ की धरती पर उत्सवों का विशेष महत्व होता है। इसी कड़ी में राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के निवास पर तीजा मिलन समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत, लोकनृत्य और पारंपरिक व्यंजनों ने वातावरण को उल्लासमय बना दिया। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने लोकगीतों की मधुर प्रस्तुतियों से समारोह में चार चांद लगा दिए। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मंत्रिमंडल के सदस्य और कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
तीजा: आस्था और एकता का प्रतीक
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तीजा मिलन समारोह को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि तीजा पर्व महिलाओं के लिए आस्था, विश्वास और परिवार की समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। सीएम ने कहा, “हमारी लोक परंपराएं समाज को जोड़ने का बेहतरीन माध्यम हैं। कजली एकादशी जैसे पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि भाईचारा और एकता का संदेश भी देते हैं।” उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना को राज्य के विकास का मार्गदर्शक बताया।

छत्तीसगढ़ी संस्कृति की संरक्षक हैं महिलाएं
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान उसकी समृद्ध लोक संस्कृति और त्योहारों से है। उन्होंने महिलाओं को संस्कृति की संरक्षक बताते हुए कहा कि वे न केवल परिवार और समाज को संवार रही हैं, बल्कि शिक्षा, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं। डॉ. सिंह ने महिलाओं के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें प्रदेश की प्रगति का आधार बताया।
तीजा: मायके की यादों का पर्व
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि तीजा मिलन समारोह में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं का अनूठा संगम देखने को मिला। उन्होंने बताया कि तीजा पर्व महिलाओं के लिए मायके की यादों को ताजा करने और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने का अवसर है। समारोह में परोसे गए पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों और लोकनृत्य ने सभी का मन मोह लिया। महिलाओं ने एक-दूसरे को तीजा की शुभकामनाएं दीं और उत्साह के साथ उत्सव में भाग लिया।

समारोह में शामिल हुए गणमान्य
इस भव्य आयोजन में मंत्रिमंडल के सदस्यों में आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल, वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, और पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल शामिल हुए। इसके अलावा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, सांसद रूप कुमारी चौधरी, कमलेश जांगड़े, और विधायक अनुज शर्मा, सुनील सोनी व पुरंदर मिश्रा ने भी समारोह में हिस्सा लिया। सभी ने महिलाओं को तीजा की बधाई दी और समाज के विकास में उनकी सक्रिय भूमिका के लिए प्रोत्साहित किया।
संस्कृति और एकता का जीवंत प्रतीक
तीजा मिलन समारोह ने यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ की लोक परंपराएं और संस्कृति आज भी समाज को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक पर्व था, बल्कि सामाजिक एकता और महिलाओं की शक्ति का प्रतीक भी बना।
