रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को कांकेर जिले के नरहरपुर में आदिवासी समाज द्वारा आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल होकर आदिवासी समाज की परंपराओं और संस्कृति को नमन किया। इस मौके पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने आदिवासी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की और कहा कि राज्य की नई उद्योग नीति में विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा संभाग को प्राथमिकता दी गई है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिल सकें।
सीएम साय ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। IIT, IIM और ट्रिपल IT जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ-साथ प्रयास और एकलव्य विद्यालयों के जरिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। नालंदा परिसर और दिल्ली में संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल जैसे प्रयासों से आदिवासी युवाओं को उच्च शिक्षा और बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं।

माओवाद के खिलाफ अभियान पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि 31 मार्च 2026 तक प्रदेश से माओवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप डेयरी विकास, पशुपालन और मुर्गीपालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, चरणपादुका वितरण, रामलला दर्शन योजना और डिजिटल सेवा केंद्र जैसी योजनाएं ग्रामीण और आदिवासी समाज के जीवन में बदलाव ला रही हैं।
विशिष्ट अतिथि अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदिवासी समाज की अपनी विशिष्ट पहचान है, जो जल, जंगल और जमीन से जुड़ी हुई है। परंपराओं के साथ आगे बढ़ते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों के प्रति जागरूक होना भी जरूरी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र के लिए कई विकास कार्यों की घोषणाएं कीं। इनमें 30 करोड़ की लागत से बागोड़ एनीकट का निर्माण, 132 केवी विद्युत सब स्टेशन, मावा मोदोल लाइब्रेरी और गोंडवाना सामुदायिक भवन निर्माण, मोबाइल टॉवर और विश्राम गृह की स्थापना, साथ ही गोंडवाना समाज के 12 मुड़ा क्षेत्रों में टीन शेड निर्माण शामिल हैं। इसके अलावा जंगोरायतार इंग्लिश मीडियम स्कूल को भी सहयोग देने की घोषणा की गई।
कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद भोजराज नाग, विधायक आशाराम नेताम, विक्रम उसेंडी और नीलकंठ टेकाम सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन मौजूद रहे।