रायपुर। छत्तीसगढ़ की साहित्यिक प्रतिभा एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर चमकी है। बीजापुर जिले की प्रख्यात साहित्यकार और प्रभारी प्राचार्य डॉ. ओमेश्वरी देवांगन को 18 मई 2025 को नई दिल्ली स्थित आकाशवाणी भवन में ‘इंडियन विजन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें उनके 11 उपन्यासों, समाज के अनछुए पहलुओं को उजागर करने वाली लेखनी और साहित्य में गहरे योगदान के लिए प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर डॉ. ओमेश्वरी की गूंज
डॉ. देवांगन इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक सम्मानों से नवाजी जा चुकी हैं। उनकी रचनाएं न केवल बीजापुर, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ को वैश्विक साहित्यिक मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाती हैं। बस्तर की जटिल परिस्थितियों, आदिवासी समाज की संवेदनाएं और मानवता की गूंज उनकी लेखनी की मुख्य धारा रही हैं।
नई दिल्ली में ‘मुखौटे’ का लोकार्पण
मई 2025 में डॉ. ओमेश्वरी की नवीनतम कृति ‘मुखौटे’ का हिंदी भवन, नई दिल्ली में भव्य लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर दिल्ली और छत्तीसगढ़ के कई प्रख्यात साहित्यकार उपस्थित रहे, जिनमें उभरते साहित्यकार पवन प्रेमी और समीक्षिका प्रतीभा श्री प्रमुख रहे।
प्रतीभा श्री ने ‘मुखौटे’ की समीक्षा करते हुए कहा, “यह उपन्यास डॉ. ओमेश्वरी के साहित्यिक सफर का मील का पत्थर है। बस्तर की पृष्ठभूमि को इतनी सजीवता से चित्रित किया गया है कि पाठक स्वयं को कहानी का हिस्सा महसूस करता है।”
‘मुखौटे’: बस्तर की आत्मा की अभिव्यक्ति
यह उपन्यास बस्तर के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने, जनजीवन की जटिलताओं, संघर्षों और आशाओं को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है। साहित्य जगत ने इसे एक ऐसी रचना करार दिया है जो साहित्यिक गहराई के साथ-साथ सामाजिक चेतना को भी जाग्रत करती है।