रायपुर। छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति और संगीत पर मंडरा रहे अश्लीलता के खतरे के खिलाफ राज्य के कलाकारों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है। बुधवार की रात राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाने के बाहर बड़ी संख्या में कवियों, गीतकारों, गायकों और युवाओं ने प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने भी भाग लिया और प्रदेश में अश्लीलता फैलाने वाले 22 कलाकारों और निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
“छत्तीसगढ़ी संस्कृति को दूषित करने की साजिश” – मीर अली मीर
राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध कवि और गीतकार मीर अली मीर ने कहा, “छत्तीसगढ़ की संस्कृति का एक गौरवशाली अतीत है, जिसे हम गीतों और फिल्मों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं। लेकिन कुछ विकृत मानसिकता वाले लोग इस विरासत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।” उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि जिस तरह भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता को बढ़ावा मिला, वैसी ही प्रवृत्ति अब छालीवुड में भी पनप रही है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए।

“अश्लीलता कतई बर्दाश्त नहीं” – दिलीप मिरी
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष दिलीप मिरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, “राज्य की संस्कृति को बदनाम करने वालों को चेतावनी दी जाती है कि वे सुधर जाएं, वरना उन्हें जन विरोध का सामना करना पड़ेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि संगठन ने प्रशासन और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि छत्तीसगढ़ी कला और संगीत की गरिमा बनी रहे।

जन आंदोलन बनेगा यह विरोध, सोशल मीडिया पर भी उबाल
प्रदर्शन के दौरान यह निर्णय लिया गया कि यह जन आंदोलन यहीं नहीं रुकेगा। अश्लीलता के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान लगातार चलाया जाएगा और दोषियों को बेनकाब किया जाएगा।
इस बीच सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर जनता का जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है। हाल ही में रिलीज हुए एक छत्तीसगढ़ी गाने के टीज़र को लेकर यूजर्स ने नाराजगी जताई, जिसमें आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है।
लोगों का कहना है कि ऐसे गाने प्रदेश की लोकभाषा, परंपरा और सांस्कृतिक पहचान को गंदा कर रहे हैं।
22 कलाकारों के खिलाफ शिकायत, किसन सेन भी शामिल
थाने में जिन 22 कलाकारों, गायकों और निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दी गई है, उनमें एक नाम विशेष रूप से चर्चित हो रहा है – ‘दबा बल्लू’ फेम गीतकार किसन सेन। सोशल मीडिया पर भी इस नाम को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं तीखी हैं।