ऑपरेशन ब्रह्मा: म्यांमार में भूकंप प्रभावितों की मदद को भारत ने चलाई बड़ी मानवीय राहत मुहिम
नई दिल्ली/यांगून, 12 अप्रैल 2025 — म्यांमार में हाल ही में आए भीषण भूकंप के बाद भारत ने मानवीय सहायता का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने बड़े पैमाने पर राहत सामग्री, बचाव दल और चिकित्सा सहायता भेजकर भूकंप पीड़ितों की मदद की है।
भूकंप की भयावहता
28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता वाले इस भूकंप ने म्यांमार के मध्यवर्ती क्षेत्रों को झकझोर कर रख दिया। अब तक 3,400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों घायल हैं और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। हालात को देखते हुए भारत ने तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया।
वायुसेना और नौसेना की त्वरित तैनाती
भारतीय वायुसेना ने C-130J और C-17 ग्लोबमास्टर विमानों के जरिए म्यांमार के यांगून एयरबेस पर राहत सामग्री पहुंचाई। इसमें शामिल थे:
- टेंट और स्लीपिंग बैग
- रेडी-टू-ईट फूड
- सौर लैंप
- दवाइयां और मेडिकल किट
- जनरेटर व साफ पानी की किट
वहीं, भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS सतपुड़ा, INS सावित्री और INS कर्मुक ने यांगून बंदरगाह पर 50+ टन राहत सामग्री पहुंचाई।
NDRF की विशेषज्ञ टीम की तैनाती
भारत की ओर से 80 सदस्यीय NDRF टीम भी म्यांमार भेजी गई है, जो खोज और बचाव अभियान में लगी हुई है। इस दल के पास अत्याधुनिक उपकरणों के साथ-साथ प्रशिक्षित खोजी कुत्ते भी शामिल हैं। टीम ने मांडले और आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला।
सेना ने स्थापित किया फील्ड अस्पताल
भारतीय सेना ने मांडले में 200 बिस्तरों वाला फील्ड अस्पताल भी स्थापित किया है, जहां रोजाना सैकड़ों मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में अत्याधुनिक सर्जरी उपकरण, मोबाइल लैब और आइसोलेशन यूनिट भी मौजूद हैं।
तकनीक और राहत का अनोखा संगम
इस ऑपरेशन में भारत ने नैनो ड्रोन, रोबोटिक म्यूल्स और सैटेलाइट आधारित निगरानी तकनीकों का उपयोग किया है, जिससे राहत और बचाव कार्य तेज़ हुए हैं। इससे न केवल प्रभावी राहत पहुंची बल्कि मुश्किल इलाकों में भी संपर्क बनाए रखने में मदद मिली।
मानवता की मिसाल
भारत का यह कदम केवल कूटनीतिक संबंधों का विस्तार नहीं, बल्कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना का जीवंत उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत मानवता के हर संघर्ष में मित्र देशों के साथ खड़ा रहेगा।”
अंतरराष्ट्रीय सराहना
भारत की इस त्वरित प्रतिक्रिया को संयुक्त राष्ट्र, ASEAN और WHO सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सराहा है। वहीं, चीन, अमेरिका, रूस, वियतनाम और दक्षिण कोरिया ने भी सहायता भेजी है, लेकिन भारत की ऑपरेशन ब्रह्मा को सबसे तेज और संगठित प्रयासों में गिना जा रहा है।
निष्कर्ष: ऑपरेशन ब्रह्मा एक बार फिर यह साबित करता है कि संकट की घड़ी में भारत सिर्फ एक पड़ोसी देश नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद साथी है। यह अभियान मानवीय मूल्यों, क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक नेतृत्व का अद्वितीय उदाहरण बनकर उभरा है।