पंजाब विश्वविद्यालय में सीनेट चुनावों की अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर छात्र संगठनों, किसान संघों और कर्मचारी यूनियनों द्वारा बुलाए गए बंद के आह्वान के बाद कैंपस में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। संभावित अव्यवस्था को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने मंगलवार देर रात से सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है।
विश्वविद्यालय के गेट नंबर 1 सहित सभी प्रमुख प्रवेश द्वारों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है। चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने खुद मौके पर पहुंचकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
विश्वविद्यालय में 26 नवंबर को अवकाश, परीक्षाएँ स्थगित
बढ़ते तनाव को देखते हुए पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन ने 26 नवंबर (बुधवार) को अवकाश घोषित कर दिया है और सभी परीक्षाओं को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है।
छात्र समूहों ने सीनेट चुनावों की औपचारिक अधिसूचना की घोषणा तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।
सीनेट चुनावों पर विवाद—कहां से शुरू हुआ मामला?
- छात्र लंबे समय से 91 सदस्यीय सीनेट के पुनर्गठन के लिए चुनाव की तारीख घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
- विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्र सरकार ने सीनेट की संरचना बदलने और मौजूदा निकायों को भंग कर मनोनीत निकाय बनाने की अधिसूचना जारी की थी।
- पंजाब सरकार ने इस कदम को “असंवैधानिक” बताया और अदालत में चुनौती देने की बात कही।
कड़े विरोध के बाद, केंद्र सरकार ने 5 नवंबर को यह अधिसूचना वापस ले ली, लेकिन इसके बावजूद छात्र समूहों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक सीनेट चुनावों की अधिसूचना जारी नहीं की है। इसी के चलते बंद और आंदोलन तेज किया गया है।
चंडीगढ़ में सामान्य जीवन प्रभावित होने की आशंका
किसान संगठनों और कर्मचारी यूनियनों के समर्थन से होने वाले इस व्यापक बंद से चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में
- ट्रैफिक
- प्रशासनिक कार्य
- विश्वविद्यालय गतिविधियों
पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष
हालाँकि सरकार ने विवादित अधिसूचना वापस ले ली है, लेकिन पंजाब विश्वविद्यालय में छात्र अब तक आश्वस्त नहीं हैं। उनकी प्रमुख मांग है—सीनेट चुनाव की तारीख तुरंत घोषित की जाए।
प्रदर्शनों के चलते विश्वविद्यालय में तनाव बरकरार है और प्रशासन फिलहाल सुरक्षा इंतज़ाम कड़े कर स्थिति नियंत्रित करने की कोशिशों में जुटा है।
