अमेरिका में आव्रजन मुद्दे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त नीतियों का व्यापक असर दिख रहा है। आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसी (ICE) ने दावा किया है कि उसने रिकॉर्ड 65,000 से अधिक प्रवासियों को हिरासत में लिया है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह संख्या ट्रंप प्रशासन के पहले 100 दिनों में अंदरूनी गिरफ्तारी अभियान की तीव्रता को दर्शाती है।
गिरफ्तारियों और निर्वासन का रिकॉर्ड स्तर
ICE के आधिकारिक बयान के मुताबिक:
- प्रशासन के शुरुआती 100 दिनों में 65,000+ आंतरिक गिरफ्तारियां
- इनमें 2,200 से अधिक लोग गैंग गतिविधियों से जुड़े हुए
- एजेंसी का दावा—हिरासत केंद्रों में संख्या आने वाले हफ्तों में और बढ़ सकती है
ICE ने इसे “कड़े आव्रजन प्रवर्तन और जन सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास” बताया है।
DHS ने बचाव किया, लेकिन आलोचकों ने जताई कड़ी चिंता
होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) का तर्क है कि अभियान का लक्ष्य “खतरनाक और आपराधिक प्रवासियों को हटाना” है।
लेकिन उपलब्ध आंकड़े कुछ और कहानी बताते हैं:
- बड़ी संख्या में हिरासत में लिए गए लोगों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं
- सिर्फ आव्रजन उल्लंघन या दस्तावेज़ों की कमी की वजह से गिरफ्तारियां
- कई लोगों पर कोई दोषसिद्धि नहीं
सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ऑस्टिन कोचर ने चेतावनी दी:
“हिरासत केंद्रों में भीड़ का मतलब है—लोग ज़मीन पर सो रहे हैं, पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा और मेडिकल सुविधाएं बेहद सीमित हैं।”
सुविधाएं भर रहीं, ICE बढ़ा रहा क्षमता
हिरासत में तेजी से बढ़ते कैदियों की संख्या को देखते हुए ICE:
- सैन्य और नागरिक संस्थानों की मदद से अधिक बिस्तर जोड़ रहा है
- भीड़भाड़ रोकने और नए डिटेंशन स्पेस तैयार करने में जुटा है
DHS ने पुष्टि की कि एजेंसी बड़ी संख्या को समायोजित करने के लिए “लगन से काम कर रही है।”
कानूनी और मानवीय सवाल भी उठे
अधिवक्ता संगठनों का कहना है:
- गिरफ़्तारियों की रफ्तार उचित प्रक्रिया को खतरे में डाल रही है
- हिरासत केंद्रों में मानवाधिकार और स्वच्छता के हालात बिगड़ सकते हैं
- बिना अपराध वाले हजारों लोगों को बंद करना “खतरनाक मिसाल” बन सकता है
निष्कर्ष — सख्ती के दौर में अमेरिका
ट्रंप प्रशासन के नए कार्यकाल में आव्रजन नीतियां पहले से कहीं अधिक कठोर दिखाई दे रही हैं।
रिकॉर्ड गिरफ्तारी, लगातार बढ़ती हिरासत क्षमता और निर्वासन में तेजी ने अमेरिका में प्रवासी समुदाय के बीच चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में ICE की कार्रवाई और आक्रामक हो सकती है, जिसका असर लाखों परिवारों पर पड़ेगा।
