कुआलालंपुर। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित आसियान शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो के बीच सोमवार सुबह हुई मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में खास ध्यान खींचा। इस मुलाकात को भारत-अमेरिका संबंधों में नई ऊर्जा भरने और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
बैठक के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा, “कुआलालंपुर में सेक्रेटरी मार्को रूबियो से मुलाकात कर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक चुनौतियों पर हुई सार्थक चर्चा की सराहना करता हूं।”
भारत-अमेरिका व्यापार तनाव पर बातचीत
जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच ट्रेड बैलेंस, टेक्नोलॉजी कोऑपरेशन और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव जारी है।
अमेरिका ने भारत पर लगभग 50% टैरिफ लागू किया हुआ है, जिससे व्यापार संतुलन पर असर पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों ने इस मुद्दे का समाधान खोजने और निष्पक्ष व्यापार व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमति जताई है।
भारत का स्पष्ट रुख: ‘जल्दबाजी में नहीं होगा समझौता’
भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह किसी भी व्यापार समझौते पर जल्दबाजी में हस्ताक्षर नहीं करेगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि भारत ऐसा कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा जो उसकी स्वतंत्र व्यापार नीति को सीमित करे। उनका कहना था, “यह सिर्फ अगले कुछ महीनों की बात नहीं, बल्कि एक स्थायी और संतुलित आर्थिक ढांचा बनाने की दिशा में कदम है।”

ऊर्जा नीति पर अमेरिका की चिंता और भारत का जवाब
मुलाकात से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के रूस से तेल आयात को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि भारत अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
भारत ने इस पर दोहराया कि ऊर्जा सुरक्षा उसके राष्ट्रीय हितों का हिस्सा है, और किसी भी निर्णय का आधार केवल देश के हित होंगे।
जयशंकर की मलेशियाई प्रधानमंत्री से भी मुलाकात
इससे एक दिन पहले जयशंकर ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से भी भेंट की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आसियान शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
जयशंकर ने लिखा, “मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मिलकर प्रसन्नता हुई। भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत करने के अवसर पर चर्चा हुई।”
जयशंकर और रूबियो की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दुनिया एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बदलते सामरिक समीकरणों पर नजरें गड़ाए हुए है। यह बातचीत भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया अध्याय खोल सकती है, खासकर रक्षा, व्यापार और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में।
