नई दिल्ली: आज बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा अपना 37वां जन्मदिन मना रही हैं। अंबाला की सड़कों पर बड़े सपने देखती यह लड़की आज सिल्वर स्क्रीन की रानी बन गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि परिणीति का सपना कभी बॉलीवुड नहीं, बल्कि इन्वेस्टमेंट बैंकिंग था?
शिक्षा और शुरुआती जीवन:
परिणीति चोपड़ा का जन्म 22 अक्टूबर 1988 को पंजाबी परिवार में हुआ। उन्होंने अंबाला में अपनी स्कूलिंग पूरी की और इसके बाद लंदन के मैनचेस्टर बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में डिग्री हासिल की। उनके करियर का पहला लक्ष्य था इन्वेस्टमेंट बैंकर बनना, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक अलग राह दिखाई।
करियर का बदलता मोड़:
वैश्विक आर्थिक मंदी (2009) ने उनके बैंकिंग करियर के सपनों पर ब्रेक लगा दिया। भारत लौटकर उन्होंने अपनी कजिन प्रियंका चोपड़ा की मदद से यशराज फिल्म्स (YRF) में पब्लिसिटी असिस्टेंट और मार्केटिंग विभाग में इंटर्नशिप शुरू की। यहीं से उनका फिल्म इंडस्ट्री में सफर शुरू हुआ।

अभिनय की दुनिया में कदम:
वाईआरएफ में काम करते हुए एक ऑडिशन के लिए उनका टेप आदित्य चोपड़ा तक पहुंचा। उनकी स्वाभाविक प्रतिभा ने उन्हें मार्केटिंग से हटाकर एक्टिंग की दुनिया में खड़ा कर दिया। 2011 में फिल्म ‘लेडीज वर्सेज रिकी बहल’ के साथ परिणीति ने धमाकेदार शुरुआत की और फिल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ नवोदित एक्ट्रेस का पुरस्कार जीता। इसके बाद ‘इश्कजादे’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘हंसी तो फंसी’ और ‘नमस्ते इंग्लैंड’ जैसी फिल्मों ने उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
परिणीति की खासियत और प्रभाव:
परिणीति केवल अभिनय में ही माहिर नहीं हैं। फिटनेस और योग के प्रति उनका जुनून, सोशल मीडिया पर महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाना उन्हें युवाओं में और भी लोकप्रिय बनाता है।