केंद्रीय मंत्री का जूता कांड पर बयान: CJI गवई पर हमला केवल जातिगत भेदभाव की वजह से
गुरुवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंककर निशाना बनाया गया क्योंकि वे दलित हैं। अठावले ने दावा किया कि इस घटना के पीछे वाला वकील एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दंडनीय है।
पणजी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अठावले ने कहा कि यह मुख्य न्यायाधीश पर पहली बार हुआ हमला है। उन्होंने बताया कि भूषण गवई दलित समुदाय से हैं, उनके पिता केरल और बिहार के राज्यपाल रहे, और उन्होंने मेहनत करके बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया। लेकिन सवर्ण समाज के कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया और इस कारण उन पर हमला किया गया।
अठावले ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की आलोचना की और मुख्य न्यायाधीश से बात करके निंदा की। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।
यह हमला वकील राकेश किशोर द्वारा किया गया था, जिन्होंने दावा किया कि उनका कृत्य सनातन धर्म के नाम पर था। किशोर को हिरासत में लिया गया था, लेकिन जस्टिस गवई ने आरोप नहीं लगाने की इच्छा जताई, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस पर कई लोगों ने कानूनी कार्रवाई न होने पर सवाल उठाए।