लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को झांसी और चित्रकूट धाम मंडल के विधायकों के साथ एक अहम बैठक की। यह संवाद मंडलवार जनप्रतिनिधि संवाद श्रृंखला का हिस्सा था, जिसमें मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र के समग्र विकास को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।
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बुंदेलखंड के लिए बड़ी योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत, जिसमें चित्रकूट धाम (भगवान श्रीराम की तपोस्थली) और झांसी मंडल (रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा) शामिल हैं, उत्तर प्रदेश की पहचान हैं। इन क्षेत्रों का समेकित विकास “नए उत्तर प्रदेश” के निर्माण की आधारशिला है।
8,776 करोड़ की लागत से होंगे 1,088 कार्य
- झांसी मंडल (झांसी, जालौन, ललितपुर) से 691 कार्यों के प्रस्ताव आए हैं, जिनकी अनुमानित लागत 4,901 करोड़ रुपये है।
- चित्रकूट धाम मंडल (बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा) से 397 कार्यों के लिए 3,875 करोड़ रुपये का प्रस्ताव आया है।
➡️ कुल 1,088 विकास कार्यों पर 8,776 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
➡️ झांसी (1,916 करोड़) और बांदा (1,825 करोड़) शीर्ष पर हैं।
किन क्षेत्रों में होंगे कार्य?
- ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी
- धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग
- बाईपास, आरओबी/अंडरपास, फ्लाईओवर
- मेजर-माइनर ब्रिज
- रोड सेफ्टी उपाय
- सिंचाई अवसंरचना
- पोंटून ब्रिज
इन योजनाओं से स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है।
CM योगी का निर्देश
- लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग को निर्देश दिया कि विधायकों से समन्वय कर प्राथमिकता तय करें और कार्यों को समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करें।
- नगर विकास विभाग को कहा गया कि किसी भी परियोजना का प्रस्ताव बनाने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन अनिवार्य रूप से लिया जाए।
- इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए भी विधायकों की अनुशंसाओं को पहले चरण की कार्ययोजना में शामिल करने का आदेश।
मुख्यमंत्री ने कहा:
“जनप्रतिनिधियों की जमीनी समझ शासन के लिए मार्गदर्शक है। उनकी सहभागिता से विकास योजनाएं ज्यादा प्रभावी और जनकल्याणकारी बनेंगी।”