छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्र अब सिर्फ पोषण केंद्र नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास की सशक्त पाठशाला बनते जा रहे हैं। महासमुंद जिले के शहरी सेक्टर-1 के संजय नगर-2, दलदली रोड और विश्वकर्मा वार्ड स्थित सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र इस बदलाव की प्रेरणादायक मिसाल हैं।
इन केंद्रों में दीवारों पर रंगीन चित्रकारी, शैक्षणिक चार्ट, कविताएं और खेल सामग्री बच्चों को आकर्षित करती हैं। अक्षर ज्ञान, गिनती, कविताएं और सामाजिक व्यवहार सिखाने की प्रक्रिया खेल-खेल में हो रही है। “लड़का-लड़की एक समान” और “जितनी अच्छी वजन की रेखा, उतना अच्छा बच्चा” जैसे संदेश सामाजिक चेतना का संचार कर रहे हैं।

यहां न केवल बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि गर्भवती महिलाएं और किशोरी बालिकाएं भी विभिन्न योजनाओं और जागरूकता गतिविधियों का लाभ ले रही हैं। नियमित रूप से सुपोषण चौपाल, गर्म पौष्टिक भोजन, टीकाकरण और स्वास्थ्य परामर्श की व्यवस्था की गई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने इस सराहनीय पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार बच्चों और माताओं के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा को नई ऊँचाइयों पर ले जा रही है। आंगनबाड़ियों का यह कायाकल्प सामाजिक बदलाव का सशक्त आधार बन रहा है।
सहायक परियोजना अधिकारी श्रीमती शीला प्रधान ने जानकारी दी कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, नोनी सुरक्षा, महतारी वंदन, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाएं प्रभावी रूप से संचालित हो रही हैं, जिससे महिलाओं और बालिकाओं को उनका अधिकार सुनिश्चित हो रहा है।
केंद्रों में आरओ वाटर प्योरीफायर, स्वच्छ रसोईघर, खेलघर और पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रूपा भारती और अंजू चंद्राकर ने बताया कि अन्नप्राशन, किशोरी स्वास्थ्य शिविर, महतारी समिति की बैठकें जैसे कई कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों की यह बदली तस्वीर प्रदेश के भविष्य को ज्ञान, स्वास्थ्य और समानता की भावना से संवार रही है — एक ऐसी मजबूत नींव, जिस पर समृद्ध समाज का निर्माण संभव है।