खरीफ 2025 में उर्वरकों की आपूर्ति सुचारु, नैनो DAP की 1 लाख बोतलों का भंडारण शुरू
रायपुर, 05 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ 2025 सीजन में किसानों को समय पर और पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए सुदृढ़ रणनीति अपनाई है। देशभर में डी.ए.पी. (डाय अमोनियम फॉस्फेट) की आपूर्ति में आई कमी के बावजूद राज्य में एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नैनो डीएपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की कोई कमी नहीं है।
राज्य सरकार ने अब तक 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण किया है, जो पूर्व निर्धारित लक्ष्य 14.62 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले एक बड़ी उपलब्धि है। डीएपी की कमी को देखते हुए सरकार ने उर्वरक वितरण का संशोधित लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन कर दिया है, जिसमें वैकल्पिक उर्वरकों की मात्रा को प्रमुखता दी गई है।
डीएपी की कमी से न घबराएं – राज्य में हैं ये विकल्प:
- एन.पी.के. उर्वरक: लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख मी. टन किया गया
- सुपर फास्फेट: लक्ष्य बढ़ाकर 3.53 लाख मी. टन, वर्तमान में 54,000 मी. टन अधिभंडारित
- नैनो डीएपी: 1 लाख बोतलों का भंडारण, जिससे 25,000 मी. टन पारंपरिक डीएपी की आवश्यकता पूरी होगी
यूरिया की आपूर्ति भी चरणबद्ध तरीके से सुनिश्चित
अब तक राज्य में:
- 5.63 लाख मी. टन यूरिया का भंडारण
- 3.76 लाख मी. टन का वितरण
- 1.86 लाख मी. टन स्टॉक में उपलब्ध
धान की फसल में यूरिया तीन चरणों में उपयोग होता है – रोपाई के समय, कंसे निकलने पर और गभोट अवस्था में। इसके अनुसार राज्य में चरणबद्ध यूरिया आपूर्ति की प्रभावी व्यवस्था की गई है।
जुलाई 2025 के लिए उर्वरक आपूर्ति प्लान
राज्य को इस माह कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक प्राप्त होंगे:
- यूरिया – 1.25 लाख मी. टन
- डी.ए.पी. – 48,850 मी. टन
- एन.पी.के. – 34,380 मी. टन
- पोटाश – 10,000 मी. टन
- सुपर फास्फेट – 76,000 मी. टन
जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मीट्रिक टन तक होने की संभावना है।
प्रचार और प्रशिक्षण – किसानों तक जानकारी पहुंचाने की पहल
- सहकारी समितियों व उपार्जन केंद्रों पर पोस्टर, पैम्फलेट के माध्यम से प्रचार
- “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के तहत किसानों को प्रशिक्षण
- कृषि वैज्ञानिकों व विभागीय अधिकारियों द्वारा एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नैनो डीएपी के उपयोग की जानकारी
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व तैयारी, रणनीतिक भंडारण और जागरूकता अभियानों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के किसानों को खरीफ सीजन 2025 में उर्वरकों की कोई कमी न हो। वैकल्पिक उर्वरकों की प्रभावी आपूर्ति से कृषि उत्पादन बना रहेगा सुचारु और किसानों की चिंता होगी दूर।