विशाखापत्तनम/नई दिल्ली। 21 जून को विश्वभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अभूतपूर्व उत्साह के साथ मनाया गया। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रही, जिसने योग के वैश्विक महत्व और समग्र स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को रेखांकित किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के समुद्र तटीय शहर विशाखापत्तनम में लगभग 3 लाख लोगों के साथ योगाभ्यास कर एक नई मिसाल कायम की।
कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और 40 देशों के राजनयिक भी मौजूद रहे। इस आयोजन के माध्यम से योग को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया गया, और साथ ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की दिशा में एक अहम कदम भी उठाया गया।

‘योग आंध्र अभियान’ की शुरुआत
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार ने ‘योग आंध्र अभियान’ की शुरुआत की। इसका उद्देश्य राज्य के 10 लाख लोगों को रोजाना योग करने वाली समुदाय से जोड़ना है। इस अभियान के तहत सामूहिक योग प्रदर्शन के माध्यम से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है।
देशभर में 1 लाख से अधिक योग कार्यक्रम
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत के कोने-कोने में 1 लाख से अधिक स्थानों पर ‘योग संगम’ पहल के तहत सामूहिक योग सत्र आयोजित किए गए, जिनमें अनुमानतः 2 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया।

सरकार की ओर से 50 लाख से अधिक योग प्रमाणपत्र वितरित करने की योजना भी इस व्यापक अभियान का हिस्सा रही। साथ ही, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने जानकारी दी कि 191 देशों के 1,300 स्थानों पर 2,000 से अधिक योग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे योग का संदेश वैश्विक स्तर पर और सशक्त हुआ है।
दिल्ली समेत देशभर में योग का उल्लास
देश की राजधानी दिल्ली में भी योग दिवस को भव्यता से मनाया गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राजनयिकों के साथ योग अभ्यास किया। इस अवसर पर जेपी नड्डा ने कहा, “योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक जागरूकता का मार्ग है। पिछले 10 वर्षों में दुनिया भर में योग के प्रति जागरूकता और अपनापन बढ़ा है।”
