जबलपुर |मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहाँ एक युवक ने अपने दोस्त की मार्कशीट का इस्तेमाल कर MBBS की डिग्री हासिल की और डॉक्टर बनकर अस्पताल में नौकरी करने लगा। असली कहानी तब सामने आई जब इलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत हो गई और परिजनों को डॉक्टर पर शक हुआ।
पेंटर दोस्त की मार्कशीट से बना डॉक्टर
कटनी निवासी सत्येंद्र कुमार ने अपने बचपन के दोस्त और पेंटर बृजराज उइके की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट का इस्तेमाल किया। उसने एसटी वर्ग के आरक्षण का लाभ उठाकर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया और MBBS की डिग्री हासिल कर ली।
मां की मौत ने खोल दी पोल
रेलवे ऑफिसर्स कॉलोनी निवासी मनोज कुमार महावर की मां शांति देवी को सितंबर 2024 में जबलपुर के मार्बल सिटी अस्पताल में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टर के इलाज पर शक होने पर मनोज ने जानकारी जुटाई और असली बृजराज से कटनी में जाकर मुलाकात की, जहां सच्चाई सामने आई – असली बृजराज तो पेंटर है और चिकित्सा से उसका कोई लेना-देना नहीं।
पुलिस जांच में जुटी
फर्जी डॉक्टर सत्येंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने उसकी शैक्षणिक डिग्रियों की जांच शुरू कर दी है और मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी संभावना जताई है।