नई दिल्ली। अगली पीढ़ी की वायरलेस तकनीक Wi-Fi 8 की टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है, और यह 2028 तक बाजार में आने की उम्मीद है। TP-Link और Qualcomm ने मिलकर इस तकनीक का पहला प्रोटोटाइप टेस्ट किया, जो हाई-स्पीड, स्टेबल और भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्शन का वादा करता है। यह तकनीक विशेष रूप से एआई, रोबोटिक्स, और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन जैसे हाई-डिमांड क्षेत्रों के लिए तैयार की जा रही है। हालांकि, भारत में स्पेक्ट्रम नियमों के कारण इसके लॉन्च में देरी हो सकती है।
Wi-Fi 8 की खासियतें
Wi-Fi 8, IEEE द्वारा विकसित नेक्स्ट-जनरेशन वायरलेस कनेक्टिविटी तकनीक है, जो न केवल तेज गति, बल्कि कनेक्शन की स्थिरता और विश्वसनीयता पर केंद्रित है। यह Wi-Fi 7 की तुलना में 25% तेज स्पीड और कम लेटेंसी प्रदान करेगी। इसके प्रमुख फीचर्स में शामिल हैं:
- बेहतर एनर्जी एफिशिएंसी: कम बिजली खपत के साथ लंबी कनेक्टिविटी।
- कम लेटेंसी: 25% कम विलंब, जिससे डेटा ट्रांसफर तेज होगा।
- स्थिर कनेक्शन: भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों और कमजोर सिग्नल वाले स्थानों में बेहतर प्रदर्शन।
- मल्टी-डिवाइस सपोर्ट: एक साथ कई डिवाइसों पर बिना रुकावट इंटरनेट।
- पियर-टू-पियर कम्युनिकेशन: डिवाइसों के बीच बेहतर डेटा आदान-प्रदान।
TP-Link और Qualcomm की सफल टेस्टिंग
TP-Link ने Qualcomm के साथ मिलकर Wi-Fi 8 का पहला प्रोटोटाइप डिवाइस तैयार किया और डेटा ट्रांसफर का सफल परीक्षण किया। यह टेस्टिंग सिग्नल की गुणवत्ता और डेटा स्पीड की पुष्टि करती है, जो इस तकनीक को व्यावसायिक स्तर पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह तकनीक एडवांस्ड एआई सिस्टम, रोबोटिक्स, और औद्योगिक स्वचालन की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन की गई है।

भारत में लॉन्च में देरी की आशंका
भारत में Wi-Fi 8 की तैनाती में 6GHz स्पेक्ट्रम बैंड को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। सरकार ने अभी यह तय नहीं किया है कि इस बैंड को मोबाइल टेलीफोनी के लिए आरक्षित किया जाए या Wi-Fi के लिए खोला जाए। टेक कंपनियां 6GHz बैंड को Wi-Fi के लिए खोलने की मांग कर रही हैं, जबकि टेलिकॉम ऑपरेटर इसे मोबाइल सेवाओं के लिए चाहते हैं। इस अनिश्चितता के कारण भारत में Wi-Fi 8 का लॉन्च 2028 के बाद हो सकता है।