ट्रंप के टैरिफ के बीच भारत बना Apple का मददगार, बचाए 5000 करोड़ रुपये
नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित टैरिफ नीति ने भारत के लिए बड़ा मौका पैदा कर दिया है। अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बने और चीन से आयात पर भारी टैरिफ लगाए, तो Apple जैसी टेक कंपनी भारत में अपना उत्पादन दोगुना कर सकती है। इससे न सिर्फ भारत की उत्पादन क्षमताओं को बल मिलेगा, बल्कि देश को करीब 5000 करोड़ रुपये (600 मिलियन डॉलर) की बचत भी हो सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, Apple फिलहाल भारत में हर साल करीब 15 से 16 अरब डॉलर के iPhones का निर्माण करता है। ट्रंप की संभावित टैरिफ नीति लागू होने की स्थिति में यह आंकड़ा अगले दो वर्षों में 30 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इसका मतलब यह है कि भारत में iPhone उत्पादन की वैश्विक हिस्सेदारी 12-14% से बढ़कर 26% से अधिक हो सकती है।
Apple पहले ही भारत में Foxconn, Pegatron और Tata Electronics जैसे साझेदारों के साथ मिलकर iPhone का निर्माण कर रहा है। वहीं, टाटा ग्रुप तमिलनाडु के होसुर में एक नई फैक्ट्री स्थापित कर रहा है, जिसमें अकेले 40,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। कुल मिलाकर, iPhone उत्पादन बढ़ने से भारत में लगभग 2 लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं।
हालांकि यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। उत्पादन लागत, लॉजिस्टिक्स और नीति स्थिरता जैसे मुद्दों पर भारत को गंभीरता से काम करना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत इन मोर्चों पर विफल रहा, तो Apple वियतनाम जैसे देशों की ओर रुख कर सकता है।
निष्कर्ष: ट्रंप की टैरिफ नीति भारत के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकती है। यह भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में मजबूती दे सकती है — बशर्ते सरकार और कंपनियां मिलकर इस मौके का पूरा फायदा उठाएं।