खेल मंत्रालय की मिशन ओलंपिक इकाई (एमओसी) ने आगामी विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत की पदक संभावनाओं को मजबूती देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। मंत्रालय ने नीरज चोपड़ा, अविनाश साबले, पारुल चौधरी, गुलवीर सिंह और अन्य ट्रैक एंड फील्ड एथलीट्स को विदेशों में लंबी अवधि के प्रशिक्षण की अनुमति दे दी है।
नीरज चोपड़ा को मिलेगा यूरोप में विशेष ट्रेनिंग का मौका
भाला फेंक में भारत के सबसे बड़े पदक दावेदार और मौजूदा विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा इस बार प्राग और चेक गणराज्य के निम्बार्क में 57 दिनों तक ट्रेनिंग करेंगे। वह अपने फिजियो ईशान मारवाह के साथ इस शुक्रवार रात रवाना होंगे। इस ट्रेनिंग पर करीब 19 लाख रुपये खर्च होंगे। नीरज अब तक दो बार विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं — 2022 में रजत और 2023 में स्वर्ण।
स्टीपलचेज़ और लॉन्ग डिस्टेंस रनर्स अमेरिका में करेंगे अभ्यास
- अविनाश साबले, पारुल चौधरी और गुलवीर सिंह 15 जुलाई से 3 सितंबर तक कोलोराडो स्प्रिंग्स और लॉस एंजेलिस (अमेरिका) में ट्रेनिंग करेंगे।
- सरकार ने इस प्रशिक्षण के लिए 41.29 लाख रुपये की मंजूरी दी है।
- इन तीनों खिलाड़ियों ने एशियाई चैंपियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन किया था।
अन्य एथलीट्स को भी मिली हरी झंडी
- अजय कुमार सरोज को यूरोप में प्रशिक्षण के लिए 10.32 लाख रुपये दिए गए हैं।
- मुरली श्रीशंकर को स्पेन, पुर्तगाल और कजाकिस्तान में प्रतियोगिताओं के लिए 5.58 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं।
- महिला लंबी कूद की स्टार्स एंसी सोजन और शैली सिंह को लंदन, बर्लिन और लॉजेन में प्रतिस्पर्धा के लिए 9.21 लाख रुपये का बजट मिला है।
पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों को भी विदेश भेजेगा भारत
ब्रिटिश और आयरिश पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप (22-26 जुलाई) के लिए भारत की 11 सदस्यीय टीम को 44.26 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। यह टूर्नामेंट 2026 में होने वाली विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने के लिए अहम है।
टीम में नीतीश कुमार, मनोज सरकार, कृष्णा नागर जैसे स्टार पैरा खिलाड़ी शामिल हैं। उनके साथ 6 सहायक स्टाफ भी जाएंगे।
एमओसी की 157वीं बैठक में सबसे ज्यादा फायदा एथलेटिक्स को
बैठक में कुल ₹86 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई जिसमें सबसे बड़ी राशि विश्व चैंपियनशिप 2025 के लिए क्वालीफाई करने वाले एथलीट्स के प्रशिक्षण और प्रतियोगिता खर्च को लेकर दी गई।
निष्कर्ष:
खेल मंत्रालय की यह पहल न केवल एथलीटों की तैयारी को और सशक्त करेगी, बल्कि भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने की संभावनाएं भी मजबूत होंगी।