Champions Trophy Final: 3 मौकों पर कीवियों ने भारत को दिए हैं न भूलने वाले दर्द, क्या टीम इंडिया ले पाएगी बदला?
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाना है, और यह मुकाबला क्रिकेट फैंस के लिए रोमांच से भरपूर होगा। खासकर भारतीय टीम के लिए यह सिर्फ एक खिताबी मुकाबला नहीं, बल्कि पुराने जख्मों पर मरहम लगाने का भी मौका है। बीते सालों में न्यूजीलैंड ने भारत को कई अहम मौकों पर करारी शिकस्त दी है, जिनमें से तीन खास हारें ऐसी हैं, जिन्हें भारतीय फैंस शायद ही भूल पाएं।
1. 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल – बारिश और हार का दर्द
क्रिकेट इतिहास के सबसे दर्दनाक मुकाबलों में से एक, 2019 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल, जहां भारत को न्यूजीलैंड ने 18 रनों से हरा दिया था। यह मुकाबला दो दिनों तक चला, क्योंकि बारिश के कारण पहला दिन अधूरा रह गया था। भारत की मजबूत बल्लेबाजी क्रम ट्रेंट बोल्ट और मैट हेनरी के सामने ताश के पत्तों की तरह ढह गई थी। एमएस धोनी का रन आउट होना भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था।
2. 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल – टेस्ट क्रिकेट का ताज छिन गया
भारत के पास टेस्ट क्रिकेट का पहला वर्ल्ड चैंपियन बनने का सुनहरा मौका था, लेकिन कीवियों ने इस ख्वाब को तोड़ दिया। साउथैम्पटन में खेले गए इस मुकाबले में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के घातक गेंदबाजों के सामने संघर्ष करती नजर आई। कीवी कप्तान केन विलियमसन और अनुभवी रॉस टेलर ने संयम भरी पारियां खेलकर न्यूजीलैंड को ऐतिहासिक जीत दिलाई, और भारत को एक और आईसीसी ट्रॉफी से महरूम कर दिया।
3. 2023 वनडे वर्ल्ड कप लीग मैच – कोहली के नर्वस 90s और कीवियों पर पहली जीत
हालांकि 2023 वर्ल्ड कप में भारत ने न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में हरा दिया था, लेकिन उससे पहले लीग स्टेज में जब दोनों टीमें भिड़ी थीं, तब न्यूजीलैंड ने भारत को काफी परेशान किया था। विराट कोहली उस मैच में शानदार 95 रन बनाकर जीत के करीब ले गए थे, लेकिन वह नर्वस 90s में आउट हो गए थे।
क्या इस बार बदला ले पाएगा भारत?
अब जब भारत और न्यूजीलैंड एक बार फिर आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल में आमने-सामने हैं, रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया के पास सुनहरा मौका है कि वे पुराने जख्मों का बदला लें और चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर इतिहास रचें। भारतीय फैंस को उम्मीद होगी कि इस बार कीवी टीम से हिसाब बराबर किया जाएगा और आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म होगा।