Sawan Somwar 2025: सावन मास का अंतिम सोमवार, जो 4 अगस्त 2025 को पड़ रहा है, भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर लेकर आ रहा है। इस बार यह दिन दुर्लभ शुभ योगों—सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग—के संयोग के साथ आ रहा है। साथ ही, चंद्रमा अनुराधा और चित्रा नक्षत्र में रहेगा, जो पूजा, व्रत और अनुष्ठानों को और भी फलदायी बनाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इन योगों का एक साथ होना अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन पूजा करने से क्या लाभ मिलेंगे और पूजा की विधि क्या है।
सावन के अंतिम सोमवार के शुभ योग
- सर्वार्थ सिद्धि योग: यह योग सभी शुभ कार्यों को सफल बनाने वाला माना जाता है। इस योग में की गई पूजा, जप और अनुष्ठान से मनचाहा फल प्राप्त होता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
- ब्रह्म योग: यह योग ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत शुभ है। इस दौरान पूजा करने से मानसिक शांति, एकाग्रता और सकारात्मकता बढ़ती है।
- इंद्र योग: यह योग धन-धान्य, समृद्धि और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए उत्तम है। इस योग में भगवान शिव की आराधना से जीवन में खुशहाली आती है।
पूजा की विधि
सावन के अंतिम सोमवार को भगवान शिव की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:
- प्रातः स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग के सामने बैठकर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए संकल्प लें।
- अभिषेक: भगवान शिव का गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें। यदि संभव हो तो गाय के दूध से अभिषेक करें, जो अत्यंत शुभ माना जाता है।
- अर्पण: शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, चंदन, अक्षत, फूल और फल अर्पित करें। ये सभी वस्तुएं महादेव को प्रिय हैं।
- मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें। साथ ही, महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोगों से मुक्ति और दीर्घायु के लिए करें।
- चालीसा और आरती: शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में भगवान शिव की आरती करें।
- भोग और दान: महादेव को खीर, हलवा या मिश्री का भोग लगाएं। प्रसाद को स्वयं ग्रहण करें और दूसरों में बांटें। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना शुभ माना जाता है।
विशेष उपाय
इस पावन दिन पर निम्नलिखित उपायों से मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं:
- पुत्र प्राप्ति: संतानहीन दंपत्ति शिवलिंग पर केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें और “ॐ नमो भगवते रुद्राय” मंत्र का जाप करें।
- धन-समृद्धि: आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
- विवाह में बाधा निवारण: अविवाहित युवक-युवतियां जलाभिषेक के साथ हल्दी अर्पित करें और माता पार्वती का ध्यान करें।
- रोग मुक्ति: शुद्ध जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
सावन के अंतिम सोमवार का महत्व
सावन का अंतिम सोमवार भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन की पूजा से न केवल आध्यात्मिक बल्कि भौतिक सुखों की भी प्राप्ति होती है।