भगवान शिव को भोलेनाथ कहा जाता है, क्योंकि वे सरलता से प्रसन्न हो जाते हैं। शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और विभिन्न पुष्प चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर फूल का एक अलग आध्यात्मिक महत्व होता है और ये विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए चढ़ाए जाते हैं?
यहाँ जानिए किस मनोकामना के लिए कौन सा फूल शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए:
1. सफेद आक का फूल (Aak ka Phool)
मनोकामना: रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ
महत्व: आक का फूल शिव को अत्यंत प्रिय है। यह फूल चढ़ाने से शारीरिक कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से सोमवार के दिन सफेद आक का फूल चढ़ाना लाभकारी होता है।
2. सफेद कनेर (Kaner ka Phool)
मनोकामना: शुद्धता और मानसिक शांति
महत्व: सफेद कनेर शिव को अर्पित करने से मन की शुद्धि होती है। यह फूल ध्यान और तपस्वियों का प्रतीक माना जाता है।
3. कमल का फूल (Kamal ka Phool)
मनोकामना: समृद्धि और लक्ष्मी प्राप्ति
महत्व: कमल माता लक्ष्मी का प्रतीक होता है, लेकिन इसे शिव को अर्पित करने से जीवन में ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है।
4. गुलाब का फूल (Gulab ka Phool)
मनोकामना: प्रेम और वैवाहिक सुख
महत्व: शिव-पार्वती के प्रेम का प्रतीक गुलाब है। इसे चढ़ाने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य और सुख की प्राप्ति होती है।
5. गेंदे का फूल (Genda ka Phool)
मनोकामना: नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
महत्व: गेंदे का फूल शिवलिंग पर चढ़ाने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और वातावरण शुद्ध होता है।
6. नागकेसर का फूल (Nagkesar)
मनोकामना: व्यापार में सफलता और आर्थिक उन्नति
महत्व: यह फूल चढ़ाने से व्यवसाय में लाभ और कार्यों में सफलता मिलती है।
7. बेलपत्र (Belpatra)
मनोकामना: हर प्रकार के दोषों से मुक्ति
महत्व: शिव की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। शुद्ध और तीन पत्तियों वाला बेलपत्र चढ़ाने से पापों से मुक्ति मिलती है।
8. धतूरा का फूल और फल (Dhatura)
मनोकामना: शत्रुओं से मुक्ति और आत्मरक्षा
महत्व: शिव को धतूरा अति प्रिय है। यह उन्हें विषपान के समय की याद दिलाता है। धतूरा चढ़ाने से शत्रुओं से रक्षा होती है और आत्मबल बढ़ता है।
9. कुमुदनी / चंपा / चमेली के फूल
मनोकामना: भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति
महत्व: यह पुष्प चढ़ाने से ध्यान केंद्रित होता है और साधना में सफलता मिलती है।
महत्वपूर्ण नियम:
- कभी भी केतकी का फूल शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए। यह शास्त्रों में वर्जित है।
- फूल शुद्ध और ताजे होने चाहिए। मुरझाए या टूटे फूल शिव को नहीं चढ़ाए जाते।
- सोमवार, महाशिवरात्रि, श्रावण मास, और प्रदोष व्रत पर विशेष फलदायक होता है फूलों से शिव की पूजा करना।