नई दिल्ली: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य मिलता है। इस साल 10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ का व्रत मनाया जाएगा। यदि आप शादी के बाद पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो इस लेख में हम आपको पूरी विधि, पूजन सामग्री और नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

करवा चौथ व्रत की तैयारी और विधि
1. सरगी ग्रहण:
सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और सरगी ग्रहण करें। यह पारंपरिक रूप से सास द्वारा दिया जाता है, लेकिन पति भी दे सकते हैं।
2. व्रत संकल्प लें:
निर्जला व्रत के लिए संकल्प लेते समय इस मंत्र का उच्चारण करें:
“मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।”
3. निर्जला व्रत:
दिन भर बिना कुछ खाए-पिए निर्जला व्रत रखें।
4. पूजा और कथा:
शिव परिवार और करवा चौथ माता की पूजा करें। पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनना अनिवार्य है। पूजा थाली में रोली, चावल, फल, मिठाई, फूल, दीप और धूप रखें।
5. चंद्रमा और पति के दर्शन:
शाम को चंद्रमा निकलने के बाद छलनी से चंद्र दर्शन करें और पति का मुख देखकर जल पीकर व्रत खोलें।
6. 16 श्रृंगार और आशीर्वाद:
इस दिन 16 श्रृंगार करना और बड़ों का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है।

घर पर अकेले करवा चौथ पूजन कैसे करें
- पूजा थाली में सभी आवश्यक सामग्री रखें: करवा, जल, फल, मिठाई, दीप, फूल, रोली और चावल।
- चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर गणेश जी और करवा चौथ माता की स्थापना करें।
- घी का दीपक जलाएं और देवी-देवताओं को अर्पित करें।
- हाथ में चावल लेकर पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए संकल्प लें।
- करवा चौथ की कथा पढ़ें या सुनें।
- चंद्रमा निकलते ही छलनी से दर्शन करें और पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलें।
करवा चौथ पूजा सामग्री
- मिट्टी का करवा
- जल और गंगाजल
- दीपक
- सिंदूर, चावल
- फूल और फल
- मिठाई
- छलनी
- गणेश पूजन सामग्री
- व्रत कथा की किताब
सरगी सामग्री: हलवा, पूरी या कोई हल्का ऊर्जा देने वाला भोजन। सास द्वारा दी गई नई साड़ी, चूड़ियां, बिछिया, मेहंदी, सिंदूर, काजल और बिंदी।

करवा चौथ के नियम
- नए कपड़े: पहली बार व्रत करने वाली महिला को नए वस्त्र पहनना शुभ होता है।
- संकल्प और पूजा: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लें और देवी-देवताओं का ध्यान करें।
- सास का आशीर्वाद: व्रत शुरू करने से पहले सास का आशीर्वाद लें।
- पति के हाथों पारण: चंद्रमा दर्शन के बाद व्रत पति के हाथों से ही खोलें।
- रंगों का चुनाव: इस दिन लाल, गुलाबी, पीला या हरा रंग पहनें; काले रंग से बचें।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को मजबूत करता है। कथा सुनना, चंद्र दर्शन और 16 श्रृंगार इस व्रत की खासियत हैं।

