नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार वर्तमान में ज्येष्ठ मास चल रहा है और इस महीने की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह व्रत 10 जून 2025, मंगलवार को रखा जाएगा। यह दिन विशेष रूप से चंद्र देव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूर्णिमा तिथि और विशेष योग
- पूर्णिमा व्रत तिथि: 10 जून 2025, मंगलवार
- स्नान व दान का समय: 11 जून 2025, बुधवार प्रातःकाल
- सिद्ध योग: 10 जून सुबह से दोपहर 1:45 बजे तक
- साध्य योग: दोपहर के बाद पूरे दिन
- नक्षत्र: अनुराधा नक्षत्र (शाम 6:02 बजे तक), फिर ज्येष्ठा नक्षत्र
इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सिद्ध योग, रवि योग और साध्य योग का दुर्लभ संगम बन रहा है, जिससे इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
धार्मिक महत्व
पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होते हैं और इस दिन चंद्रदेव की आराधना करने से मन को शांति, सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य प्राप्त होता है।
यह दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है। साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा-विधि
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को शुद्ध करें।
- लकड़ी की चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- गंगाजल से अभिषेक करें और पीले फूल, तुलसी दल अर्पित करें।
- पीली मिठाई, खीर और घी का दीपक भगवान को अर्पित करें।
- सत्यनारायण कथा का पाठ करें और विष्णु मंत्रों का जप करें।
- रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दें – कच्चे दूध से भरे लोटे में पुष्प डालकर चंद्रदेव को समर्पित करें।
स्नान और दान का पुण्य
- स्नान: पवित्र नदी, तालाब या सरोवर में स्नान करने से आत्मिक और शारीरिक शुद्धि होती है। यदि नदी स्नान संभव न हो, तो घर में शुद्ध जल से स्नान भी पुण्यदायक माना गया है।
- दान: इस दिन अन्न, जल, वस्त्र, पंखा, छाता, घड़ा, दक्षिणा आदि का दान गरीबों, ब्राह्मणों व जरूरतमंदों को करना अत्यंत फलदायक होता है। यह दान कष्टों का नाश करता है और सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 का दिन धार्मिक आस्था, पूजा-पाठ और पुण्य कमाने का एक श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन किए गए व्रत, दान और पूजा से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है। यह दिन न केवल धार्मिक रूप से, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।