देश भर में होली के अलग-अलग रंग: ब्रज, बनारस, बंगाल और शिमला की अनोखी परंपराएं
भारत में होली का त्योहार न केवल रंगों और उमंग का प्रतीक है, बल्कि यह हर क्षेत्र की अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं को भी दर्शाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में होली मनाने का तरीका भले ही अलग हो, लेकिन हर जगह इसकी मस्ती और उल्लास देखते ही बनता है। आइए जानते हैं कि ब्रज, बनारस, बंगाल और शिमला में होली का क्या खास अंदाज है।
1. ब्रज की लट्ठमार और फूलों की होली
ब्रज (मथुरा-वृंदावन) में होली का उत्सव सबसे प्रसिद्ध है।
- बरसाना की लट्ठमार होली: यहाँ महिलाएं पुरुषों पर लाठियों से प्रहार करती हैं, और पुरुष ढाल लेकर खुद को बचाने की कोशिश करते हैं।
- फूलों की होली: वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली खेली जाती है, जहां अबीर-गुलाल की जगह रंग-बिरंगे फूल बरसाए जाते हैं।
- रंगों की होली: मथुरा में होली के दिन कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में भव्य होली खेली जाती है।
2. बनारस की भंग वाली होली
बनारस की होली मस्ती और भंग के बिना अधूरी है।
- यहाँ लोग भंग ठंडाई पीकर होली का आनंद उठाते हैं।
- काशी की गलियों में रंगों की बौछार और ढोल-नगाड़ों के साथ नाच-गाना देखने लायक होता है।
- अस्सी घाट और अन्य घाटों पर विशेष आयोजन होते हैं, जहां लोकगीत, नृत्य और हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
3. बंगाल की दोल जात्रा
बंगाल में होली को ‘दोल जात्रा’ कहा जाता है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
- इस दिन राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं को झूले पर बैठाकर कीर्तन और भजन गाए जाते हैं।
- महिलाएं सफेद साड़ी में लाल किनारी के साथ होली खेलती हैं और अबीर (गुलाल) उड़ाया जाता है।
- शांतिनिकेतन में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा शुरू की गई ‘बसंत उत्सव’ परंपरा बहुत प्रसिद्ध है, जहां गीत-संगीत और नृत्य के साथ रंगों की होली खेली जाती है।
4. शिमला की ठंडी होली
हिमाचल प्रदेश में शिमला और मनाली जैसे ठंडे इलाकों में होली का अलग ही रंग होता है।
- यहाँ रंगों के साथ-साथ हिमपात (बर्फबारी) के बीच होली खेली जाती है।
- स्थानीय लोकनृत्य और पारंपरिक गीतों के साथ होली का जश्न मनाया जाता है।
- मंदिरों में विशेष पूजा होती है और लोग देवता की पालकी के साथ जुलूस निकालते हैं।
निष्कर्ष
भारत में होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और भक्ति का संगम है। चाहे ब्रज की लट्ठमार होली हो, बनारस की भंग वाली होली, बंगाल की दोल जात्रा हो या शिमला की बर्फीली होली, हर जगह इस पर्व का अपना अलग आनंद है। यह त्योहार हर साल लोगों को जोड़ने और खुशियों को साझा करने का अवसर देता है।
तो इस बार आप कहां और किस अंदाज में होली खेल रहे हैं?