नई दिल्ली। छठ पूजा हिंदू धर्म का एक विशेष और कठिन व्रत माना जाता है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर चार दिनों तक चलता है। इस वर्ष छठ पूजा 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी यह पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और व्रती आमतौर पर 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं।
छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है और खरना के दिन यह व्रत शुरू होता है। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। इस दौरान व्रतियों की थाली में विशेष सामग्री शामिल करनी आवश्यक होती है, ताकि पूजा पूर्ण और फलदायी हो।

छठ पूजा सामग्री लिस्ट:
- पीतल का पात्र
- फल
- सुपारी
- चावल
- सिंदूर
- फूल
- एक थाली
- पान
- गाय का घी
- शहद
- धूप
- शकरकंदी
- सुथनी
- गुड़
- सूप
- बड़ा नींबू
- पानी वाला नारियल
- मिठाईयां
- अरवा का चाल
- गंगा जल
- बांस की दो बड़ी टोकरियां
- पीतल का लोटा
- ठेकुआ का भोग
- गेहूं और चावल का आटा
- साधक के लिए नए कपड़े
- 5 पत्तियां लगे हुए गन्ने
- मूली, अदरक और हल्दी का हरा पौधा
छठ पूजा के दौरान पालन करने योग्य नियम:
- व्रती को पलंग या तखत पर नहीं सोना चाहिए, बल्कि जमीन पर चादर बिछाकर सोना चाहिए।
- चार दिनों तक नए वस्त्र पहनें।
- मांसाहार और मदिरा का सेवन वर्जित है।
- किसी से वाद-विवाद या झगड़ा न करें।
- बड़े-बुजुर्गों और महिलाओं का सम्मान करें।
- सात्विक भोजन का सेवन करें।

छठ पूजा की महिमा:
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का पर्व है। इसका उद्देश्य सूर्य को धन्यवाद देना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करना है। इस पर्व का महत्व संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा और सुख-समृद्धि के लिए माना जाता है। राजा प्रियवद की कथाओं के अनुसार, यह व्रत व्रती को छठी मैया की कृपा दिलाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।