चैत्र पूर्णिमा 2025: चंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व, जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि
चैत्र पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है, क्योंकि इस दिन चंद्रदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन हनुमान जयंती भी कई स्थानों पर मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और चंद्रमा की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और चंद्र दोष भी शांत होता है।
चैत्र पूर्णिमा 2025 की तिथि व मुहूर्त:
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल 2025, शनिवार को दोपहर 12:25 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल 2025, रविवार को दोपहर 01:40 बजे
पूजा और व्रत के लिए 12 अप्रैल 2025 की रात्रि को चंद्रमा दर्शन और पूजन श्रेष्ठ माना जा रहा है।
चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि:
- स्नान और संकल्प:
प्रातःकाल गंगाजल मिलाकर स्नान करें। फिर व्रत का संकल्प लें। - चंद्रमा की पूजा:
रात को चंद्रमा उदय होने के बाद उन्हें दूध, सफेद चंदन, चावल और मिठाई अर्पित करें।
मंत्र— “ॐ चंद्राय नमः” का जाप करें। - हनुमान जी की पूजा (हनुमान जयंती):
इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें और उन्हें लाल फूल, गुड़ और चने का भोग लगाएं। - दान-पुण्य का महत्व:
इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और द्रव्य का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
महत्व और मान्यता:
- धार्मिक मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होता है।
- यह तिथि आत्मशुद्धि, चंद्र दोष निवारण और मन की स्थिरता के लिए उत्तम मानी जाती है।
- कई स्थानों पर इस दिन गंगा स्नान, हवन और विशेष व्रत आयोजित किए जाते हैं।