युक्तियुक्तकरण से बदली शिक्षा की तस्वीर: पतरापारा महलोई प्राथमिक शाला में पढ़ाई को मिली रफ्तार
शिक्षकों की पदस्थापना से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार, बच्चों और पालकों में दिखा उत्साह
छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति का असर अब ग्रामीण अंचलों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड स्थित ग्राम पतरापारा महलोई की शासकीय प्राथमिक शाला इसका उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरी है।
पहले यह विद्यालय एकमात्र शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। अब राज्य शासन की पहल पर दो शिक्षकों की स्थायी पदस्थापना के बाद विद्यालय में न केवल शैक्षणिक वातावरण बेहतर हुआ है, बल्कि विद्यार्थियों की पढ़ाई में भी नवीन ऊर्जा और उत्साह देखने को मिल रहा है।
वर्तमान में विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक कुल 78 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। अब शिक्षण समयबद्ध, विषय केंद्रित और व्यवस्थित हो रहा है, जिससे बच्चों की समझ, रुचि और परिणाम में सीधा सुधार देखा जा रहा है।
पालकों में उत्साह, बच्चों में आत्मविश्वास
बच्चों के पालकों में भी इस बदलाव को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया है। श्रीमती प्रमिला परजा ने कहा कि अब उनके बच्चे स्कूल लौटकर पढ़ाई और गतिविधियों के बारे में उत्साहपूर्वक बताते हैं। पहले उन्हें चिंता रहती थी कि एक शिक्षक सभी बच्चों पर कैसे ध्यान दे पाएंगे, लेकिन अब बच्चों को समर्पित रूप से पढ़ाया जा रहा है।
ड्रॉपआउट दर में गिरावट की उम्मीद
शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता से बच्चों की नियमित उपस्थिति भी सुनिश्चित हो रही है। इससे न केवल ड्रॉपआउट दर में गिरावट की संभावना है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी निरंतर सुधार हो रहा है।
राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण योजना ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। इससे न केवल बच्चों को गांव में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव भी सशक्त हो रही है।