छत्तीसगढ़ में खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने की दिशा में नवाचारों का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखंड स्थित ग्राम मुरता के प्रगतिशील किसान श्री संतोष साहू तकनीकी खेती का आदर्श उदाहरण बनकर उभरे हैं। उन्होंने ‘पैडी ट्रांसप्लांटर’ मशीन को अपनाकर पारंपरिक खेती की लागत और मेहनत को काफी हद तक कम कर दिया है।
पारंपरिक खेती से तकनीकी खेती की ओर
श्री साहू विगत दो वर्षों से धान की खेती में पैडी ट्रांसप्लांटर तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। पहले जहां प्रति एकड़ रोपाई में 7,000 से 8,000 रुपये खर्च होते थे, वहीं अब यह कार्य मात्र 400 से 500 रुपये में संपन्न हो रहा है। इससे न केवल लागत में भारी कमी आई है, बल्कि समय और श्रम की भी बचत हो रही है।
बेहतर उपज, कम रोग
इस तकनीक से पौधे एक समान दूरी पर रोपे जाते हैं, जिससे उनकी बढ़वार बेहतर होती है और कीट व रोगों का प्रकोप भी घटता है। परिणामस्वरूप फसल की गुणवत्ता और उपज दोनों में सुधार हुआ है।
दूसरों को भी दे रहे लाभ
श्री साहू न सिर्फ अपने खेतों में इस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं, बल्कि आसपास के किसानों को भी पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई कर लाभ पहुंचा रहे हैं। इससे क्षेत्र में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा मिल रहा है।
फसल प्रदर्शन योजना से मिल रहा सहयोग
कृषि विभाग की ‘फसल प्रदर्शन योजना’ के अंतर्गत श्री साहू को उन्नत बीज और तकनीकी मार्गदर्शन मिल रहा है। इससे वे वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर अधिक उत्पादन ले पा रहे हैं।
प्रेरणा स्रोत बने संतोष साहू
तकनीकी नवाचार और समर्पण के साथ खेती को आधुनिक रूप देने वाले श्री संतोष साहू जैसे किसान छत्तीसगढ़ की कृषि में नए आयाम जोड़ रहे हैं। उनका यह प्रयास न सिर्फ उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बना रहा है, बल्कि अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है।