सदर बाजार स्थित बागड़ी नर्सिंग होम में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक बड़ा मामला सामने आया है। 2 तारीख को हुई एक घटना में देवेंद्र सिंह चौहान की पत्नी की नॉर्मल डिलीवरी के दौरान मां और बच्चे दोनों की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
अस्पताल में लापरवाही की तस्वीर
मामले की जांच के लिए अस्पताल का दौरा किया। जांच के दौरान पाया गया कि:
- अस्पताल में किसी भी मरीज की देखभाल के लिए डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं थे।
- रिसेप्शन खाली पड़ा था, और भर्ती मरीज बिना किसी निगरानी के थे।
- मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डॉक्टर का बयान और गोल-मोल जवाब
मामले में जब डॉक्टर विजय बागड़ी से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए इसे जूनियर डॉक्टर ज्योति की जिम्मेदारी बताया। घटना के समय अस्पताल में कोई वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद नहीं था।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि मां और बच्चे की जान बचाई जा सकती थी, अगर समय पर उचित इलाज उपलब्ध होता।
अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल
बागड़ी नर्सिंग होम, जो राजधानी का एक बड़ा अस्पताल है, ऐसी लापरवाही के आरोपों से घिरा हुआ है। अस्पताल के संचालन में:
- डॉक्टरों की गैर-मौजूदगी,
- प्रशिक्षित स्टाफ का अभाव,
- और मरीजों की अनदेखी,
स्पष्ट रूप से दिखाती है कि यहां मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।
सरकार से कार्रवाई की मांग
इस गंभीर मामले ने पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की है। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि:
- अस्पताल की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
- स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी बढ़ाई जाए।
- पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और न्याय मिले।
प्रसव के दौरान हुई थी मां – बच्चे की मौत
रायखेड़ा,तिल्दा के रहवासी,मृतका के पति देवेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि हमने 2 दिसंबर मंगलवार को समय रहते अपनी पत्नी को बागड़ी नर्सिंग होम में भर्ती कर दिया था, लेकिन जब यह घटना हुई तो डॉक्टरों ने सही जवाब नहीं दिया, भर्ती करने के दौरान उन्होंने मुझे ₹15000 हॉस्पिटल में जमा करने को कहा इसके बाद 8:00 बजे मेरी पत्नी को डिलीवरी के लिए अंदर ले जाया गया। देर रात 1:30 बजे के आसपास कंडीशन खराब होने की वजह से हॉस्पिटल से मेकाहारा रेफर कर दिया गया इस दौरान महिला की मौत हो गई। मृतिका का नाम सावनी सिंह चौहान है जो तिल्दा की निवासी हैं उनके पति का कहना है कि इसकी जांच होनी चाहिए और डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए, जिसके लिए हम FIR भी करने वाले हैं।
यह मामला न केवल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर देता है। राज्य सरकार को इस मामले में सख्त निर्णय लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें और मरीजों का भरोसा बनाए रखा जा सके।