विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि “बंधुत्व की शुरुआत अपने घर से होनी चाहिए, तभी विश्व में सच्चे अर्थों में बंधुत्व का भाव स्थापित होगा।”
यह संगोष्ठी स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी केंद्र शाखा रायपुर के सौजन्य से दुर्गा कॉलेज रायपुर के सभागार में आयोजित की गई थी, जिसमें राज्यपाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
स्वामी विवेकानंद का संदेश
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1893 में शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में ऐतिहासिक भाषण के माध्यम से भारत की संस्कृति और परंपरा को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि विवेकानंद द्वारा जलाया गया दीपक आज भी मानवता, भाईचारे और सेवा की राह दिखा रहा है।
वर्तमान चुनौतियों पर चिंता
श्री डेका ने कहा कि आज मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौतियाँ जलवायु परिवर्तन, जल संकट और माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण हैं। छत्तीसगढ़ में अच्छी वर्षा के बावजूद भू-जल स्तर का गिरना गंभीर समस्या है। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग और किसानों की खाली जमीन पर डबरी निर्माण को अनिवार्य करने पर जोर दिया।
युवाओं को संदेश
राज्यपाल ने युवाओं से कहा कि वे यह न सोचें कि समाज उन्हें क्या दे रहा है, बल्कि यह सोचें कि वे समाज को क्या दे रहे हैं। उन्होंने अनुशासन, समय का पालन, परिवार के बुजुर्गों का सम्मान और भाई-बहन के बीच स्नेह को समाज में बंधुत्व की भावना मजबूत करने का आधार बताया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे कृत्रिम जीवन के बजाय प्राकृतिक जीवन जीने की ओर अग्रसर हों और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनें।
संगोष्ठी में अन्य वक्ता
कार्यक्रम की अध्यक्षता दुर्गा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. प्रोतिभा मुखर्जी साहूकार ने की।
मुख्य प्रवक्ता के रूप में जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष एवं सेवा निवृत्त मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और आदर्शों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इसके अलावा श्री संजीव गुप्ता ने भी अपने विचार रखे। स्वागत भाषण श्री सुभाष चंद्राकर ने दिया, संचालन श्रीमती शजिन्ता शुक्ला ने किया और आभार प्रदर्शन श्री चेतन तारवानी ने किया।
इस अवसर पर विवेकानंद केन्द्र के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, गणमान्य नागरिक, महिलाएँ और बड़ी संख्या में युवा उपस्थित रहे।